नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का देश भर में विरोध तेजी पकड़ रहा है। गुरूवार को देश के कई हिस्सों में कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष का विरोध प्रदर्शन होने वाला है। इस बीच दिल्ली में प्रदर्शनों को देखते हुए १७ मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं एयर वहां बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में ले लिया गया है जिनमें कई नामी लोग भी शामिल हैं।
नए कानून के खिलाफ देश के दर्जन भर बड़े शहरों में आज प्रदर्शन की तैयारी है। दिल्ली में कुछ जगह पुलिस ने प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है और राजधानी में किसी भी तरह की रैली पर रोक लगा दी गयी है। ऐसा हे लखनऊ में भी है, जहाँ लोगों के इक्क्ठे होने पर रोक लगाई गयी है। बिहार में सुबह प्रदर्शन हुआ है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री कोलकाता में आज दोपहर नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ पैदल मार्च निकालेंगी। ममता बनर्जी साफ़ कर चुकी हैं कि वो किसी भी सूरत में बंगाल में सीएए और एनआरसी लागू नहीं होने देंगी। वे पिछले दो दिन में विरोध मार्च में हिस्सा ले चुकी हैं और इनमें उन्हें ख़ासा जनसमर्थन मिला है।
बता दें, बंगाल ही नहीं केरल और पंजाब के मुख्यमंत्री भी अपने राज्यों में नागरिकता संशोधन क़ानून लागू न करने का ऐलान कर चुके हैं।
उधर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी गुरुवार को होने वाले प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है। मुंबई, चेन्नई, पुणे, हैदराबाद, नागपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता और भोपाल में प्रदर्शनों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। इस हफ्ते दिल्ली में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच दो बार हिंसक झड़प हो चुकी है।
दिल्ली में लाल किला पर प्रदर्शन करने की तैयारी थी लेकिन पुलिस ने इसपर रोक लगा दी। राजधानी में कई लोगों को हिरासत में ले लिया गया है और कमसे कम १७ मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था और ट्रैफिक को देखते हुए प्रदर्शनों की इजाजत नहीं दी जा सकती।
यूपी पुलिस की ओर से बताया गया है कि धारा १४४ लागू की गयी है और गुरुवार को किसी भी तरह के प्रदर्शन की इजाजत नहीं है। भुवनेश्वर में सुबह १० बजे से लोगों से जुटने की अपील की गई थे जबकि मुंबई में प्रदर्शनकारी रैली निकालते हुए नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करेंगे। चेन्नई में तीन बजे लोगों जुटेंगे, भोपाल में दोपहर दो बजे, हैदराबाद में चार बजे और पुणे में साढ़े चार बजे नए कानून के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए प्रदर्शन होंगे।