दिल्ली हिंसा में अब तक ४६ की मौत

दिल्ली में कई जगह रविवार देर शाम अचानक फ़ैली अफवाहों को पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए किसी हिंसा में बदलने से पहले ही रोक लिया। दिल्ली में अब पिछले ४८ घंटे से  किसी हिंसा की कोइ खबर नहीं है, हालांकि कई जगह तनाव और खौफ का माहौल अभी बना हुआ है। पुलिस अफवाहों और किसी तरह की कोशिश को रोकने के लिए तत्परता डटी हुई है। इस बीच हिंसा में मरने वालों की तादाद बढ़कर ४६ हो गयी है।

दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों के करीब एक हफ्ते बाद स्थिति अब शांत दिख रही है।  तनाव और खौफ का माहौल, हालांकि, अभी बना हुआ है। भारी पुलिस बल की तैनाती की गयी है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। दंगों में गंभीर घायलों की लगातार मौत होने से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ते हुए अब ४६ तक पहुंच गई है।

अकेले गुरुतेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में ही ३८ लोगों और  तीन की लोक नायक अस्पताल, एक जगप्रवेश और चार की डॉक्टर राममनोहर लोहिया अस्पताल में मौत हुई है।

उधर पिछले कल गोकलपुरी और शिव विहार इलाके के नाले से चार और शव मिले हैं। हालांकि, अभी यह साफ़ नहीं है कि इन शवों का संबंध दंगों से है या नहीं। तनाव वाले इलाकों में बैंक और एटीएम बंद पड़े होने से लोगों की पैसे की दिक्कत झेलनी पड़ रही है।

इस बीच पुलिस ने हिंसा को लेकर अब तक २५४ प्राथमिकी दर्ज की हैं और ९०३ लोगों को हिरासत में लिया है। शस्त्र कानून के तहत ४१ मामले दर्ज किए गए हैं।

उधर पश्चिम दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रविवार देर शाम अफवाहें फैलने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पुलिस ने सक्रिय होकर हिंसा की झूठी ख़बरों को मुनादी करके जनता से नहीं डरने को कहा।