राजधानी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दिन प्रतिदिन खराब होता जा रहा है। मंगलवार सुबह 7 बजे यह 395 दर्ज किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर पंजाब सरकार को फटकार लगायी है और कहा कि, “ये राजनीतिक लड़ाई का मैदान नहीं है। राजनीति ब्लेम गेम को रोकें। ये लोगों की हेल्थ की हत्या के समान है। आप इस मामले को दूसरों पर नहीं थोप सकते। आप पराली जलाने को क्यों नहीं रोक पाते?”
उच्च न्यायालय ने पंजाब को चेतावनी देते हुए कहा कि, “कुछ भी करें, पराली जलाने की घटनाएं रोकें। राजनीतिक दोषारोपण का खेल बंद हो। नीतियां इस पर निर्भर नहीं हो सकतीं कि कौन-सी पार्टी किस राज्य में शासन कर रही है। दिल्ली और पंजाब में एक ही पार्टी की सरकार है। पराली जलाने की घटना बंद हों, यहां हर कोर्इ एक्सपर्ट है लेकिन समाधान किसी के पास नहीं है। समस्या धन की फसल के समय को लेकर है साथ ही इसका असर भूजल स्तर पर भी पड़ता है। कुछ तो किया जाना चाहिए। धान से ज्यादा लोगों की जिंदगी जरूरी है। जो समस्या आती है, तो हम कदम उठाते हैं फिर अगले साल वहीं हालात हो जाते है।”
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और अन्य राज्यों को त्योहारी सीजन के दौरान पटाखों से संबंधित मुद्दे पर अपने पहले के आदेश का पालन करने का आदेश दिया है। साथ ही राजस्थान को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया और कहा कि त्योहार के दौरान प्रदूषण को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाना हर किसी का कर्तव्य है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अनुसार दिल्ली में 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच प्रदूषण चरम पर था और यह वह अवधि है जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं काफी बढ़ जाती है।
हालांकि दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 13 नवंबर से 20 नवंबर तक ऑड ईवन लागू कर दिया है। साथ ही स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है।