एनडीएमसी की तरफ से जहांगीरपुरी अतिक्रमण-रोध अभियान पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इसी के साथ दिल्ली नगर निगम ने तोड़फोड़ को बंद कर दिया गया है। हालांकि बुलडोजर कुछ देर तक चले परंतु अब मलबे को हटाने का कार्य जारी है।
एनडीएमसी मेयर राजा इकबाल का कहना है कि, इससे संबंधित उन्हे अभी तक हमें कोई ऑर्डर नहीं मिला है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर संजय गोयल का कहना है कि, जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण-रोध अभियान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में नहीं पता चला परंतु हम पहले आदेश पढ़ेंगे फिर उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई जारी करेंगे।
जहांगीरपुरी हिंसा के बाद इलाके में हालात सामान्य हुए ही थे इसी बीच भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ से बुधवार को इलाके में लगातार दो दिन ‘अतिक्रमण-रोधी अभियान’ चलाया जाना था। इस अभियान के अंतर्गत अवैध कब्जे को हटाया जाना था।
इससे संबंधित एनडीएमसी के सहायक आयुक्त ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा था। साथ ही एनडीएमसी की ओर से 400 पुलिसकर्मियों की तैनाती की अपील भी की गई थी। पत्र में 20-21 अप्रैल की सुबह 9.30 बजे से इलाके में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बाहरी बल के साथ-साथ महिला पुलिस की तैनाती के लिए अनुरोध किया गया था।
जहांगीरपुरी हिंसा में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इसी बीच ओवैसी ने भी भाजपा पर निशाना साधा था और ट्वीट कर कहा कि, “भाजपा ने गरीबों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। भाजपा यूपी और एमपी की तरह दिल्ली में भी अवैध कब्जे हटाने के नाम पर बिना नोटिस दिए लोगों के घर तोड़ने जा रही है। गरीब मुसलमानों ने जिंदा रहने की हिम्मत दिखाई है सिर्फ इसलिए उन्हें यह सजा दी जा रही है। साथ ही उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी अपना रुख साफ करने को कहा है।“
आपको बता दे, हाल ही मे हनुमान जयंती के अवसर पर शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गयी थी। शोभायात्रा के मस्जिद से गुजरने के दौरान धार्मिक संगीत बज रहा था साथ ही उसी वक्त अजान का भी समय था इसी दौरान दोनों पक्षों में बहस से शुरू हुई और गंभीर हिंसा में बदल गई।