दिल्ली के प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की सरकारों को कड़ी फटकार

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को हरियाणा और पंजाब सरकार के मुख्य सचिवों की जमकर क्लास लगाई। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि लोगों की ज़िंदगी नर्क बन गयी है। आदेश के बावजूद पराली जलाने के मामले लगातार बढ़े हैं, लिहाजा क्यों न सरकारों पर जुर्माना लगाया जाए। सर्वोच्च अदालत ने १० दिन के भीतर इसपर कुछ करने के निर्देश दिए हैं।

सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब के मुख्य सचिव से पूछा कि पराली जलाने को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? आप जनता के साथ ये कैसे कर सकते हैं? कैसे उन्हें मरने के लिए छोड़ रहे हैं? और उन्हें मरने दें। हमें बताएं कि हमारे आदेश के बाद भी पराली जलाए जाने की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं? स्टबल बर्निंग क्यों बढ़ गई? आप इसकी जांच क्यों नहीं करा रहे हैं क्या ये आपकी असफलता नहीं है?

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अदालत ने सुनवाई के दौरान पराली जलाने को लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार की जमकर खिंचाई की। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सरकारों में कोई इच्छा शक्ति नहीं दिखाई देती। कोर्ट ने सीपीसीबी से राजधानी में चल रही फैक्ट्रियों की प्रकृति के बारे में विवरण दर्ज करने को कहा है।

सर्वोच्च अदालत ने पंजाब के मुख्य सचिव से कहा कि हम इस प्रदूषण के लिए राज्य की हर मशीनरी को ज़िम्मेदार ठहराएंगे। आप इस तरह लोगों को मरने नहीं दे सकते। दिल्ली का दम घुट रहा है। क्योंकि आप उपायों को लागू करने में सक्षम नहीं हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि दिल्ली-एनसीआर में लोगों को प्रदूषण से मर जाना चाहिए और कैंसर की बीमारी से पीड़ित हो जाना चाहिए।
अदालत ने हरियाणा सरकार से भी पूछा कि राज्य में पराली जलाए जाने की घटनाएं क्यों बढ़ी है? हरियाणा सरकार ने पहले पराली जलाए जाने की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए अच्छा काम किया था, लेकिन अब यह बढ़ गया है। पंजाब और हरियाणा कुछ नहीं कर रहे हैं।

सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता को सर्वोच्च अदालत ने कहा, “लोगों को गैस चैंबर में रहने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? उन सभी को एक बार में मारना बेहतर है, एक बार में १५ बैग में विस्फोटक लाएं और सभी को खत्म कर दें। लोगों को यह सब क्यों भुगतना चाहिए? इस स्थिति में भी दिल्ली में चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के दौर को देख मैं हैरान हूं।”

याद रहे दिल्ली में पिछले लंबे समय से राजधानी दिल्ली में लोगों की जिंदगी दूभर हो गयी है। बार-बार के प्रदूषण से उन्हें सांस लेने में तो दिक्कत आ ही रही है, इससे वे कई रोगों से भी घिर रहे हैं।