दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि उसने अपराध की आय प्राप्त करने वाले राजनीतिक दल को आरोपी क्यों नहीं बनाया?
मामले की सुनवाई कर रहे दो न्यायाधीशों वाली पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई से यह सवाल किया।
जजों की बेंच ने कहा कि, “जहां तक धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) का सवाल है आपका पूरा मामला यह है कि यह पैसा एक राजनीतिक दल के पास गया। वह राजनीतिक दल अभी भी आरोपी नहीं है आप इसका जवाब कैसे देंगे?”
अदालत ने आगे कहा कि, यदि आप यह कह रहे है कि इस घोटाले का फायदा आप को मिला था तो फिर उसे पार्टी क्यों नहीं बनाया गया है?
वहीं दूसरी तरफ बुधवार को आप नेता संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया है। और दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा है कि आपने मनीष सिसोदिया को जेल में डाल दिया और सत्येंद्र जैन को एक साल तक जेल में रखा। और अब संजय सिंह को जेल भेजा है लेकिन हम इससे डरने वाले नहीं हैं। आप के कार्यकर्ता आखिरी सांस तक लड़ेंगे और हम आपकी धमकियों से नहीं डरेगा।
आतिशी ने कहा कि भाजपा के लोगों के पास तो एजेंसी से पहले भी जानकारी पहुंच जाती है इतनी जानकारी है तो बताएँ कि संजय सिंह के घर से कितने जेवर, सोने के कितने बिस्किट और कितना कैश मिला? यह तानाशाही वाली सरकार है जो कभी भी किसी के भी घर पर छापा मार सकती है, उसके लैपटॉप इत्यादि सीज करके उसे घसीटकर बाहर निकाल सकती है। ये लोग किसी भी तरह बस अपने विरोधी को चुप करना चाहते है।