…तो क्या देश में घोषित आपातकाल है ? – उद्धव ठाकरे का बीजेपी पर पलटवार

विपक्षी पार्टी बीजेपी द्वारा आघाडी सरकार पर राज्य में अघोषित आपातकाल जैसे हालात बनाए जाने के आरोप पर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पलट कर जवाब देते हुए विपक्ष से सवाल किया कि यदि राज्य में अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति है तो क्या देश में घोषित आपातकाल है ?

उद्धव ने पूछा,’ दिल्ली में किसान ठंड में आंदोलन कर रहे हैं। उन पर ठंडे पानी के फव्वारे बरसाए जा रहे हैं क्या यह सद्भावना है? उन्होंने कहा कि जनता में कोई नाराजगी नहीं है लेकिन विपक्ष के साथ विपक्ष शब्द लगा हुआ है इसलिए उन्हें इस तरह से व्यवहार करना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे विरोधी पिछले एक साल से सिर्फ सरकार गिराने का मुहूर्त निकाल रहे हैं लेकिन अब तक वह मुहूर्त नहीं निकला है। वे सिर्फ सरकार गिराने की मुहूर्त निकालने की बात करते हैं इसलिए उन्हें यह नहीं दिखाई देता कि सरकार ने क्या काम किए हैं।

प्रवीण दरेकर के बाबत लगे आरोपों पर ठाकरे ने कहा कि हमारी सरकार में से किसी ने भी विधान परिषद के नेताप्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर की गिरफ्तारी की बात नहीं की। क्या देवेंद्र फडणवीस हमें कुछ सुझाने की कोशिश कर रहे हैं? देवेंद्र फडणवीस को यह भी नहीं पता है कि उनकी पार्टी में उन्हें किसकी जरूरत है और किसकी नहीं। उद्धव ठाकरे ने तंज कसते हुए यह भी कहा कि अगर फडणवीस के पास प्रवीण दरेकर की गिरफ्तारी के बारे में कोई सबूत है, तो उन्हें देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार कह चुके हैं कि यह सरकार करोना संकट, प्रकृति तूफान, बेमौसम बारिश जैसे कई संकटों से बाहर निकलने का रास्ता तलाश रही है ।

मराठा आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण या कोई अन्य आरक्षण देते समय किसी के भी अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। उद्धव ठाकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि जब ओबीसी के आरक्षण की बात आएगी तब उनके अधिकारों को कोई नहीं छीन पाएगा। उनका अधिकार उन्हें मिलेगा। विपक्ष बेवजह ही इस मुद्दे को तूल दे रही है।

देवेंद्र फडणवीस द्वारा करोना संक्रमण काल में हुए भ्रष्टाचार के आरोप के बारे में बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि हम उस संकट से बाहर निकलने का प्रयास कर रहे हैं। ठाकरे ने कहा कि जब हम करोना से जूझ रहे थे उस दौरान विपक्ष ने सिर्फ आरोपों की राजनीति की है।

उद्धव ने कहा है कि करोना के दौरान राज्य की तिजोरी पर काफी भार पड़ा है और केंद्र ने अभी तक राज्य को 28 हजार करोड़ नहीं दिए हैं।