जस्टिस उदय उमेश ललित शनिवार को विधिवत भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश बन गए। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। एनवी रमना शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हो गए। ललित का कार्यकाल 74 दिन का होगा।
देश के अभी तक के इतिहास में ललित दूसरे ऐसे प्रधान न्यायाधीश हैं जो सीधे वकील से सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे। आपराधिक मामलों में उनकी गहरी पकड़ मानी जाती है। उनका कार्यकाल सिर्फ 74 दिन का होगा। जस्टिस ललित उस कॉलेजियम का नेतृत्व करेंगे जिसमें जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस कौल, जस्टिस नजीर और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल हैं।
जस्टिस ललित देश के कई हाई प्रोफाइल मामलों में पेश हुए हैं। यहां तक कि 2जी घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें स्पेशल पीपी नियुक्त किया था। उनका परिवार एक सदी से वकालत के पेशे में है।
उनके दादा महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में वकालत करते थे जबकि पिता उमेश रंगनाथ ललित जो अब 90 साल के हैं, नामी वकील और बॉम्बे हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं। उनकी पत्नी अमिता ललित शिक्षाविद हैं जो नोएडा में बच्चों का स्कूल चलाती हैं। उनके दो पुत्र श्रीयस और हर्षद हैं।