भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की चुनाव प्रक्रिया यानी इलेक्टोरल कॉलेज के गठन से लेकर सभी पदों के लिए नामांकन दाखिल करने और मतदान को 5 जुलाई को न कर के अब 11 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है। यह फैसला भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की तदर्थ समिति (एड-हॉक कमेटी) ने पांच अमान्य प्रदेश इकाइयों की दलीलें सुनने के बाद किया है।
सूत्रों के अनुसार कुछ सदस्यों ने पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के परिवार के सदस्यों को चुनाव में मतदान करने की अनुमति दिए जाने की संभावना पर भी आपत्ति जताई है। और उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी राज्य संघ में अवैध तरीके से नियुक्ति हुर्इ हैं।
एड-हॉक कमेटी में सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एमएम कुमार शामिल हैं उनसे महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश पांच प्रदेश इकाइयों ने संपर्क किया था।
आपको बता दें, बृजभूषण शरण सिंह डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के रूप में 12 साल पूरे कर चुके है। किंतु सात महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद वे राष्ट्रीय खेल संहिता में सरकार के दिशानिर्देशों के कारण दूसरे कार्यकाल के लिए मैदान में नहीं है।