मिलिए जगमीत सिंह से। इन्होंने इतिहास रचा। ये पहले सिख हैं जिन्होंने कनाडा में राजनीतिक पार्टी बनाई। इस पाटीं को हलके में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने ‘न्यू डेमोक्रेटिकÓ पार्टी को नया जोश दिया है।
अभी हाल जगमीत सिंह, अखबारों की सुर्खियां सहसा तब बने जब उन्होंने कहा कि पंजाब को ‘आत्मनिर्णयÓ का अधिकार मिलना चाहिए। इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खासी नाराज़गी जताई। उन्होंने मांग की कि कनाडा के अधिकारी इस तरह के तत्वों के बयान को गंभीरता से लें। भारत में इस तरह भारत विरोधी साजिशें रची जा रही हैं जिनसे असंतोष फैले।
जगमीत सिंह 38 साल के नौजवान सिख वकील हैं। वे अक्तूबर 2019 में होने जा रहे संघीय चुनाव में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदो के मुकाबले में चुनाव भी लड़ेंगे। मजेदार बात यह है कि वे कनाडा में उसकी विभिन्नता बनाए रखने के लिए खुद के अल्पसंख्यक दर्जे के होने का इस्तेमाल करेंगे। हालांकि वे खास तौर पर नए एशियाई मतदाताओं की ताकत के चलते जीतते रहे हैं। उनकी इस जीत के लिए जिम्मेदार हैं ‘न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और कार्यकर्ता।
यह एक बड़ी जीत थी। मतदान के पहले नतीजों की घोषणा टोरंटों के मेट्रापॉलिटन बालरूम में हुई थी। जगमीत सिंह बक्त पर थे। वे उस पचास फीसद की रेखा के भी पार पहुंच गए थे जो कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व को पाने के लिए ज़रूरी था। अब वे एनडीपी (न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी) का नेतृत्व अक्तूबर 2019 तक संभालेंगे। सिंह ने अपनी जीत को अमूल्य सम्मान बताया। एक श्रद्धालु सिंह होने के नाते वे पगड़ी पहनते हैं और कमर में कृपाण लटकाए रखते हैं। वे पहले रंगीन व्यक्ति हैं कनाडा के इतिहास में। विश्व संगठन ने इस जीत को ऐतिहासिक बताया है। कनाडा के सिख लोगों के लिए यह ऐतिहासिक मील का पत्थर है। ‘कुछ पीढिय़ों पहले हमारे समुदाय के लिए कभी ऐसी कोई बात सोची भी नहीं गई। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि कोई अपने धर्म की निशानियां पहने हुए जीतेगा और इतनी गरमाहट से लोग उसे स्वीकार भी करेंगे।Ó संगठन के लोगों ने एक बयान में यह कहा।
जगमीत सिंह ने घोषणा की कि ‘2019 की शुरूआत ही कनाडा में जीत के मुकाबले से होगी। कनाडा के लोग ऐसी सरकार चाहते हैं तो उन संघर्षों के मायने भी समझती है जिनका लोग फिलहाल मुकाबला कर रहे हैं। कनाडा की जनता को ऐसी सरकार की ज़रूरत है जो संघर्ष का अर्थ समझती हो। उसे ऐसी सरकार चाहिए जो काम पूरा करे। इसी कारण मै आधिकारिक तौर पर कनाडा का अगला प्रधानमंत्री होने के लिए अपना चुनाव प्रचार शुरू कर रहा हूं।Ó
नेतृत्व के मुकाबले में हमारे उम्मीदवार थे। जैसे ही तीन नामों की घोषणा हुई। यह तय हो गया कि सिंह की जीत हुई है। तकरीबन 66 हजार वोट पड़े। सिंह को 35 हजार से भी ज्य़ादा वोट हासिल हुए। यानी बाकी उम्मीदवारों से तीन गुणा ज्य़ादा। ओंटारियो के सांसद चार्ली एंगल को 12,205 मत मिले। नैशनल डेमोक्रेटिक पार्टी का नेतृत्व जीतने के बाद जगमीत सिंह कनाडा की रिच डाइवर्सिटी के नए ब्रांड एंबैडसर हो गए। यह उस देश की महानता है कि उसने अल्पसंख्यक को अपना नेता कबूल किया। वे पहले गैर अश्वेत राजनीतिज्ञ हैं। जो कनाडा के राष्ट्रीय मंच पर चमकते नज़र आएंगे।
एक नई हवा के साथ एक मजबूत संदेश जाता है कि यहां की राजनीतिक प्रणाली में एक नई ताकत और नजरिया सक्रिय रहेगा।
अभी से ही उन्हें जस्टिन त्रूदो के संभावित मुकाबले में माना जाने लगा है। एनडीपी के नेता के लिए राह आसान नहीं होती। उसे एक ऐसी पार्टी को और ऐसा सुगठित करना है जो 1961 में स्थापित हुई थी। इसके अपने अच्छे क्षण थे। लेकिन जब 1972 से 1974 के दौरान इसने पिएर त्रूदो के साथ सत्ता में भागीदारी की तब इसका भी विकास हुआ। अब जगमीत सिंह पर सबसे कठिन काम होगा कि यह एनडीपी के पारंपरिक श्वेत आधार को मजबूत करे और अल्पसंख्यकों के बीच ताकतवर आधार बनाएं। जगमीत सिंह को अब अपनी स्थिति मजबूत कर लेनी चाहिए और अपनी छवि को अधिक गंभीर और समझदार नेता के तौर पर बनानी चाहिए क्योंकि कनाडा जैसे विशाल और विभिन्नताओं वाले देश को संभालना भी आना चाहिए।
शुक्रिया न्यू डेमोक्रेटस, प्रधानमंत्री पद के लिए मुकाबला अब होना है। उन्होंने 54 फीसद वोट पाए थे और एनडीपी के नए नेता बने थे। उन्होंने टामस म्येलकेयर का पद संभाला। टोरंटो क्षेत्र के राजनीतिक जिनसे उम्मीद थी कि वे पार्टी में नई जिंदगी का संचार करेंगे। वे 2011 से ही करिश्माई नेता जैक लेटन की मौत के बाद से ही पार्टी को संभाल रहे थे।
सिंह का जीवन परिचय तब महत्वपूर्ण हुआ जब उन्हें एक वीडियों में शोर मचाने वाले को प्यार से समझाते हुए देखा गया। पंजाब से आए और स्कारबोरो में बसे एक आव्रजक परिवार के घर में जन्में सिंह ने सेंट जॉस, न्यू फाउंड लैंड, लैब्राडोर और विंडसर में पढ़ाई लिखाई की। उन्होंने 2001 में वेस्टर्ल ओंटारियो से बॉयोलॉजी से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की और यॉर्क यूनिवर्सिटी के ओस गुडे हाल लॉ स्कूल से 2005 में कानून की डिग्री पाई। उन्होंने ग्रेटर टोरंटो एरिया में फौजदारी के मामले बतौर सरकारी वकील लेने शुरू किए फिर वे राजनीति में आ गए। कनाडा की जनसंख्या में सिखों की तादाद 1.4 फीसद है।।
त्रुदो के लिए 2019 में अपने नए विरोधी सिंह है जिनसे मुकाबला सहज नहीं है। एक चीज जो उनके पक्ष में है वह है एनडीपी का ऐतिहासिक तौर पर किया गया कामकाज। सिंह अब समर्थकों को साथ लेकर रैलियां करते हुए केंद्र- वाम मतदाताओं को निशाने पर लेंगे जिन्होंने त्रूदो के उदारपंथियों को 2015 में महत्वपूर्ण जीत दिलाई थी। जब कुछ समय बीता तब नेतृत्व का मुकाबला हुआ। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि करिशमाई राजनीतिक नेता के लिए आगे अभी लंबी सड़क है बशर्ते वह वामपंथी एनडीपी हाउस ऑफ कॉमन्स में सीटें जीतना चाहे। तो उन्हें यह जानना-समझना होगा कि एनडीपी से अलग इसके राजनीतिक विरोधी हैं खासतौर पर प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो और उनकी लिबरल पार्टी।
अब सिंह के सामने 2019 का चुनाव एक अलग चुनौती है। एक बात जो उनके पक्ष में है वह है एनडीपी का ऐतिहासिक कामकाज। लगातार चुनावों में पार्टी चुनाव में उतरी और पार्टी ने न केवल वोट बल्कि सीट की हिस्सेदारी भी हारी। पार्टी के 2011 के नतीजों के अनुसार एनडीपी को 44 सीटें हासिल हुई और 19.5 प्रतिशत शेयर वोटों की हिस्सेदारी 2015 के संघीय चुनाव में मिली। इसका यह दूसरा और तीसरा सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन था। सिंह के सामने तब पहाड़ पर चढऩे का मौका था। जो पूर्व नेता टॉम म्यूलकेयर के लिए उपयुक्त नहीं था। उसने उम्मीदों पर पहले ही तुषारपात कर दिया था जब वह जीता था और डगलस और लेटन के बाद अकेला तीसरा व्यक्ति बना था। उसे एनडीपी का नेतृत्व मिला था मतदान में। उसे ऐसी अच्छी सोहबत में रख कर न्यू डेमोक्रेटस को यह उम्मीद करनी चाहिए कि वह उम्मीदों को निराशा में बदलता रहेगा।