ऑपरेशन ब्लू स्टार में जब्त चीजों की जानकारी न देना सही फैसला : सीआईसी

केंद्रीय सूचना आयोग यानी सीआईसी ने 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में की गई कार्रवाई ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के दौरान बरामद वस्तुओं की जानकारी सार्वजनिक न करने के केंद्र के निर्णय को सही ठहराया है। सीआईसी वाईके सिन्हा ने कहा, आवेदनकर्ता ऐसी जानकारी मांग रहे हैं, जिसे आरटीआई के तहत उजागर नहीं किया जा सकता। इसलिए आयोग इस मामले में और हस्तक्षेप नहीं करेगा।
बता दें कि सेना ने जून 1984 में स्वर्ण मंदिर छिपे आतंकवादियों को निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार किया था। इस सैन्य ऑपरेशन में  493 उग्रवादी, आम नागरिक और 83 सैन्यकर्मी मारे गए थे। आरटीआई के तहत गुरविंदर सिंह चड्ढा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से उस दौरान जब्त वस्तुओं की सूची और उनकी वर्तमान स्थिति की जानकारी तथा मृतकों की सूची मांगी थी।
मंत्रालय ने बताया कि सैन्य अभियान के दौरान चार हजार दस्तावेज, पुस्तकें, फाइल सोना-चांदी के आभूषण, रत्न, मुद्रा, सिक्के बरामद हुए थे। ये वस्तुएं और दस्तावेज शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी या पंजाब सरकार को सौंप दिए गए थे। जब्त वस्तुओं की सटीक जानकारी न मिलने से असंतुष्ट चड्ढा ने मंत्रालय में पहली अपील दायर की, जिन्होंने आरटीआई की धारा 8, 1(ए) का हवाला देते हुए जानकारी देने से मना कर दिया। आरटीआई की इस धारा के तहत सरकार उस जानकारी को देने से मना कर सकती है, जिससे देश की संप्रभुता और अखंडता प्रभावित होने की आशंका होती है।