उ. प्र. निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज

उत्तर प्रदेश में इसी साल नवम्बर माह में होने वाले नगर निकाय के चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। बताते चलें 2017 में भाजपा और सपा के बीच चुनावी कांटे की टक्कर रही है। लेकिन इस बार भाजपा ने विधानसभा दोबारा सत्ता हासिल करके प्रदेश में अपना दबदबा कायम किया है। सो इस बार अभी से भाजपा से नगर पालिका के चेयरमैन और नगर निगम के चेयरमैन के टिकट पाने के लिये प्रदेश के स्थानीय नेता से लेकर बड़े नेता लखनऊ से लेकर दिल्ली तक भाजपा नेताओं के पास लॉबिंग करने में लगें है।

उत्तर प्रदेश की सियासत के जानकार प्रमोद सिंह का कहना है कि भाजपा ने प्रदेश में दोबारा सरकार बनाकर विरोधी दल को ये बता दिया है। कि आने वाले समय में भाजपा का सपा सहित अन्य दल के पास कोई विकल्प नहीं है। भाजपा भली भाँति जानती है कि जिसकी सरकार प्रदेश में उसका नगर निकाय में दबदबा होता है और उसके ही अधिकृत प्रत्याशी चुनाव जीतते है।

वहीं सपा, बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशी प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर वे भी अभी से कमर कसे हुये है। उनका कहना है कि भाजपा ने प्रदेश में जनता को गुमराह करके तो चुनाव जीत लिया है। लेकिन ये स्थानीय स्तर के चुनाव में जनता सबक सिखाएगी क्योंकि भाजपा ने चुनाव जीतते हुये महंगाई का जो हन्टर चलाया है। उससे जनता तंग आ गई है। आज सब्जी, ईंधन से लेकर दालों के दाम और आटा के दाम बढ़ रहे है। और सरकार कह रही है कि यूक्रेन और रूस के युद्ध के चलते ये सब महंगाई हो रही है। ऐसे में गरीब जनता पिस रही है। जनता महंगाई से तंग आकर भाजपा को निकाय चुनाव में सबक सिखाएगी।