अजीब विडम्बना है एक ओर तो लोग बढ़ती महंगाई, डीजल-पेट्रोल और गैस के दामों से परेशान है। वहीं कुछ लोग ऐसे है जो पेट्रोल-डीजल और गैस के बढ़ते दामों को लेकर कह रहे है कि कई बार महंगाई देश हित में होती है। जो देश के विकास के काम आती है। वहीं ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि बढ़ते ईंधन के दामों से उनके ट्रांसपोर्टरों का काम-धंधा पूरी तरह से ठप हो सकता है।
ट्रांसपोर्टर दर्शन सिंह जत्थेदार का कहना है कि सरकार को भली-भांति मालूम है कि डीजल के दाम बढ़ने से हर सेक्टर में महंगाई का असर दिखता है। लेकिन सरकार ट्रांसपोर्टरों के किराया-भाड़ा बढ़ाने में आना-काना करती है। जिससे ट्रांसपोर्टरों को काफी परेशानी होती है। अगर सरकार ने ट्रांसपोर्टरों की मांग को नहीं माना तो आने वाले दिनों में कभी भी ट्रक वाले हड़ताल कर सकते है।
वहीं दिल्ली में कुछ लोग ऐसे भी है उनका कहना है कि यूक्रेन -रूस के युद्ध के कारण महंगाई का असर दिख रहा है। कोरोना काल में सरकार ने जनता की जरूरतों को पूरा किया है। तब देश की आर्थिक हालत कमजोर हुई है। लेकिन सरकार ने जनहित में काम किया है। अब-जब सारे देश में डीजल-पेट्रोल के दामों में इजाफा हो रहा है। तो भारत में ईंधन के दामों में बढ़ोत्तरी होना लाजिमी है।लोगों का कहना है कि देश के विकास के लिये कुछ वस्तुओं के दाम बढ़ रहे है। तो इसमें क्या बुरा है।आर्थिक मामलों के जानकार सचिन का कहना है कि यह बात तो सही है कि देश-दुनिया में यूक्रेन -रूस युद्ध के चलते महंगाई बढ़ रही है।
सचिन का कहना है कि पांच राज्यों के चुनाव के चलते ईंधन के दामों में बढ़ोत्तरी नहीं की गई थी। लेकिन अब चुनाव हो गये है। तो हर रोज महंगाई होगी। जिसका नतीजा ये होगा कि गरीब वर्ग के लोगों को अपना जीवन यापन करना मुश्किल होगा।