राकेश रॉकी
दिन भर के राजनीतिक ड्रामे के बाद आखिर शनिवार-रविवार की आधी रात 1.25 बजे सत्ता पक्ष (पीटीआई के सदस्यों) की अनुपस्थिति में संसद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में पीएमएलएन के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन ने कुल 342 सदस्यों में से 174 वोट हासिक कर इमरान खान को सत्ता से बाहर कर दिया। गठबंधन को जीतने के लिए 172 वोटों की जरूरत थी, लिहाजा अब उनका अगली सरकार बनाने का रास्ता साफ़ हो गया है। इस बीच रविवार को दिन में विपक्षी गठबंधन ने शहबाज़ शरीफ को अपना नेता चुन लिया है। उधर इमरान खान की तरफ से नैशनल असेंबली के स्पीकर को दिया अमेरिकी साजिश के आरोप वाला पत्र सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है, जहाँ इस मामले की सुनवाई आने वाले समय में हो सकती है।
तत्कालीन पीएम इमरान खान, जो कल एक बार भी संसद नहीं गए थे, ने रात को ही पीएम हाउस छोड़ दिया और निजी निवास बनिगाला चले गए। नेता चुने जाने के बाद अब शहबाज़ राष्ट्रपति से मिलकर सरकार बनाने के दावा पेश करेंगे। इमरान सरकार की हार के बाद पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने कहा कि ‘लुटेरे सत्ता में लौट आये हैं’। पीटीआई के सदस्यों ने आधी रात तक नैशनल असेंबली के बाहर प्रदर्शन किया। हारने के बाद िमरांब खान ने अपनी पार्टी के सभी नेताओं को जनता के बीच जाने का निर्देश दिया है और कहा है कि अगले चुनाव में वे फिर सत्ता में लौटेंगे।
इससे पहले रात करीब 12.05 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर असर कैसद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के वक्त उन्होंने कहा कि वे छात्र जीवन से इमरान के साथ रहे हैं। हमारे लिए सबसे पहले मुल्क है और इमरान के साथ रहेंगे। उन्होंने वो चिट्ठी भी दिखाई जिसे इमरान खान ने अपनी सरकार के खिलाफ अमेरिका की ‘साज़िश का प्रमाण बताया है।
आखिरी समय में भारत की तारीफ़ और दोस्ताना व्यवहार और अमेरिका पर अपनी सरकार गिराने की साज़िश का दम भरने वाले इमरान खान उसी ‘मास्टर स्ट्रोक’ का शिकार हो गए, जिसे उन्होंने अपने रक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल किया था। हालांकि, सत्ता से जाते-जाते भी उन्होंने अमेरिका को खरी खोटी सुनाई।
देश के सभी एयरपोर्ट पर आधी रात को ही हाई अलर्ट जारी कर दिया गया ताकि कोई राजनीतिक (पीटीआई नेता) देश से बाहर न जा सके। रात 12.05 बजे पाक संसद की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, उस समय लाहौर की सड़कों पर इमरान खान के समर्थन में जनता का हुजूम जमा था। इससे कुछ घंटे पहले इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने सुप्रीम कोर्ट में उसके परसों के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका भी दायर कर दी।
अब नेता चुने के बाद साझे विपक्ष के नेता और पीएमएल (एन) नेता शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री होंगे। शहबाज तीन बार पंजाब के गवर्नर रहे हैं। उनके पीएम बनने के बाद लन्दन में रह रहे उनके भाई और पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ पाकिस्तान लौट सकते हैं, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में अदालत में मामला चल रहा है।
पाकिस्तान में जल्दी बनने वाली शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली नई सरकार कितने समय तक चलेगी, अभी कहना मुश्किल है क्योंकि विपक्ष के सभी दल फिलहाल सिर्फ इमरान खान को सत्ता से बाहर करने के लिए इकट्ठे हुए हैं। उनमें भी नीतिगत मसलों पर गंभीर मतभेद हैं। विपक्ष के पास पीएमएल (एन) 84 और भुट्टो की पीपीपी के 56 सदस्य हैं।
अविश्वास मत हारने के बावजूद इमरान खान ने जिस तरह अमेरिका को आड़े हाथ लेते हुए उसकी निंदा की थी, उसे पाकिस्तान में समर्थन मिलता दिखा है। ऐसे में इमरान खान संसद के वोट में हार गए हों, भविष्य में होने वाले चुनाव में वे पूरी ताकत झोंकेंगे। जानकारों के मुताबिक जनता में इमरान खान के प्रति मोहभंग नहीं हुआ है, भले उनके नेतृत्व में सरकार का कामकाज संतोषजनक न रहा हो। वहां आर्थिक हालात काफी खराब हैं और महंगाई के चलते जनता बेहाल है।
अब नई सरकार के पास डेढ़ साल का वक्त है। लिहाजा यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या शहबाज पूरे समय तक सरकार चलाते हैं या बीच में ही हालात देखकर चुनाव की घोषणा करेंगे। दोनों बड़ी पार्टियों पीएमएलएन और पीपीपी में वैचारिक मतभेद हैं, जो किसी से छिपे नहीं हैं।