आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से किया सवाल- क्या पंजाब और पूर्वोत्तर के राज्यों को भी बांटा जाएगा?

जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाए जाने के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में इन दिनों सुनवाई चल रही है। सुनवाई के 12वें दिन केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, “जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव करवाए जाएंगे और सरकार इस दिशा में काम भी कर रही है। ताकि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल सके।”

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सरकार से तीखे सवाल किए और सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, “जम्मू-कश्मीर अकेला नहीं है जहां ऐसी समस्या है। आजकल पूर्वोत्तर और पंजाब में भी ऐसी ही स्थिति है। क्या किसी राज्य को बांटने से समस्या का समाधान हो सकता है?”

सीजेआई ने आगे कहा कि, “आप मानते हैं कि सभी राज्यों के पास अपनी शक्तियां होती हैं तो आप कैसे कह सकते हैं कि किसी राज्य की शक्तियां केंद्र को देकर उनका गलत इस्तेमाल नहीं होगा। क्या संसद के पास किसी मौजूदा पूर्ण राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की शक्ति हैं?”

जस्टिस कौल ने कहा कि, “यह एक अलग तरह का मामला नहीं है। पंजाब की उत्तरी सीमा पर भी बहुत बुरा वक्त है। इसी तरह पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में भी कल को ऐसी स्थिति बन सकती है।”

कोर्ट ने धारा-370 को लेकर कहा कि, संविधान सभा ने कहा था कि यह केवल एक सिफारिश है लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि राज्य पर राष्ट्रपति का शासन थोप दिया जाएगा। उसे आर्टिकल 370 हटाने के लिए बनाई गई प्रक्रिया बतानी होगी। सवाल पूछते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि क्या किसी पूर्ण राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल देने का अधिकार सरकार के पास हैं?