सातवें वेतन आयोग के बाद व्यक्तिगत डिस्पोजेबल आय में वृद्धि के साथ, आयकर छूट सीमा 3 लाख रुपये तक बढ़ा दी जानी चाहिए। ये मानना है एक एसबीआई रिपोर्ट का।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि आवास ऋण के तहत ब्याज के भुगतान की छूट सीमा मौजूदा होम लोन क्रेता के लिए 2.5 लाख रुपये तक बढ़ा दी जाये जो अभी 2 लाख रुपये है ,तो इसका लाभ 75 लाख गृह ऋण खरीदार को होगा और सरकार को लगभग 7,500 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को मौजूदा सरकार का पांचवां और अंतिम पूरा बजट पेश करने जा रहे हैं। सरकार ने 1 990-92 से धीरे धीरे आयकर स्लैब को 22,000 रुपये से बढ़ाकर 2014-15 में 2.5 लाख कर दिया है।
दूसरी रिपोर्टों के मुताबिक़ बार बजट में 60 साल से ज्यादा और 80 साल से कम के सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स छूट सीमा 3.50 लाख रुपये और 80 साल और उससे अधिक उम्र के सुपर सीनियर सिटीजन के लिए छूट 5.50 लाख रुपये या इससे ज्यादा हो सकती है।
इनकम टैक्स की छूट सीमा बढ़ाने को लेकर तीन प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। ये तीन प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इकनॉमिस्ट और टैक्स एक्सपर्ट के साथ बातचीत करके बनाए हैं। इस पर अंतिम फैसला पीएमओ के साथ मीटिंग के बाद किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पहले प्रस्ताव में टैक्सपेयर्स के लिए छूट की सीमा 2.75 लाख रुपये से 3 लाख रुपये करने, सीनियर सिटीजन के लिए 3.30 लाख से 3.50 लाख और सुपर सीनियर सिटीजन के लिए 5.50 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है।
दूसरे प्रपोजल में इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की बात है। सीनियर सिटीजन की इनकम टैक्स छूट को 4 लाख रुपये और सुपर सीनियर सिटीजन के लिए 6 लाख रुपये करने का प्रस्ताव इसमें है।
तीसरे प्रपोजल में टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स छूट सीमा 2.80 लाख रुपये करने की बात है, जबकि सीनियर सिटीजन और सुपर सीनियर सिटीजन के लिए छूट की सीमा में 30,000 रुपये की बढ़ोतरी करने की बात कही गई है।
एसबीआई रिपोर्ट के मुताबिक़ बैंकों के साथ सावधि जमा पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस पर छूट की सीमा 10,000 रुपये प्रतिवर्ष की वर्तमान सीमा से बढ़ाई जा सकती है।