आंदोलनकारी किसानों से मिले केजरीवाल; राहुल गांधी ने कहा, ‘अडानी-अंबानी कृषि क़ानून’ रद्द होने से कम कुछ मंज़ूर नहीं

किसानों के आंदोलन में तेजी देख अब राजनीतिक दल उनके समर्थन में बोलने लगे हैं। कांग्रेस, जो शुरू से ही खुले रूप से किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही है, के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी किसानों से मिले हैं। सोमवार को उन्होंने अपने सदस्यों के साथ किसानों से भेंट की। उधर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, जो शुरू से ही किसानों के हक़ में मुखर रहे हैं, ने मंगलवार को एक ट्वीट करके कहा कि ‘अडानी-अंबानी कृषि क़ानून’ रद्द करने होंगे  और कुछ भी मंज़ूर नहीं !’
बता दें किसान आंदोलन के 12वें दिन लाखों की संख्या में किसान दिल्ली सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार को किसान संगठनों ने ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है जिसे कांग्रेस सहित अन्य दलों ने भी समर्थन दिया है। इसके अलावा उनकी मोदी सरकार से 9 दिसंबर को एक और बैठक प्रस्तावित है जबकि पिछली बैठकों में कोई नतीजा नहीं निकला है क्योंकि किसानों ने साफ़ कर दिया है कि कृषि क़ानून आपस लिए बगैर वो आंदोलन नहीं रोकेंगे।
पंजाब और हरियाणा कांग्रेस के सभी सांसद 11 बजे से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठेंगे। पंजाब के 8 और हरियाणा से एक राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा धरने में शामिल होंगे। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार भी 9 दिसंबर को किसानों के प्रदर्शन पर राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे जबकि एनसीपी और समाजवादी पार्टी, बसपा समेत 11 विपक्षी दलों ने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है। सपा नेता अखिलेश यादव भी धरने पर बैठे हैं। उधर भारतीय किसान संघ भारत बंद में शामिल नहीं होगा क्योंकि उसका कहना है कि ‘वार्ता से सहमति होने के बाद बंद नहीं होना चाहिए’।
उधर सिंघु बार्डर पर धरना कर रहे किसानों से सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मिले। केजरीवाल ने कहा – ‘हम किसानों की सभी मांगों का समर्थन करते हैं। उनकी सभी मांग जायज हैं। जब किसान बॉर्डर पर आए तो केंद्र सरकार और  दिल्ली पुलिस ने 9 स्टेडियम हमारी सरकार से अस्थायी जेल बनाने के लिए मांगे थे। उनका प्लान था, किसानों को दिल्ली आने देंगे और जेल में रखेंगे। हम लोगों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और स्टेडियम वाली बात नहीं मानी। हमारे ऊपर दबाव था। कई फोन आए थे  लेकिन हम नहीं झुके।’ सीएम ने किसानों के लिए किए गए इंतजामों का भी जायजा लिया।
इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा –  ‘अडानी-अंबानी कृषि क़ानून रद्द करने होंगे और कुछ भी मंज़ूर नहीं’!’