अमेरिका भारत-रूस के संबंध रोकने में विफल रहा है : पूर्व विदेश सचिव

पीएम मोदी के हाल के अमेरिका के दौरे के बावजूद भारत और रूस के बीच संबंधों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। पूर्व विदेश सचिव को उद्धत करते हुए एक रिपोर्ट में  कहा गया है कि ‘अमेरिका भारत-रूस के संबंधों को रोकने में विफल रहा है।’

पूर्व विदेश सचिव शशांक ने कहा कि नई दिल्ली मास्को के साथ रिश्तों को महत्व देती है। रूस की सरकारी एजेंसी स्पुतनिक न्यूज ने शशांक को उद्धत करते हुए कहा कि  ‘अमेरिका भारत को रूस के साथ उसकी दोस्ती और आर्थिक सहयोग से दूर करने में विफल रहा है। दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जारी है’।

स्पुतनिक के मुताबिक शशांक ने कहा – ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे चलाने के लिए भारत रूस से आपूर्ति श्रृंखलाओं पर काम कर रहा है। रूस और भारत के बीच सहयोग केवल रक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र तक सीमित नहीं होना चाहिए’।

शशांक ने कहा कि ‘रूस बहुत सारे संसाधनों को नियंत्रित करता है और रक्षा क्षेत्र में एक लीडर है। अन्य क्षेत्रों में भी रूस भारत के साथ सहयोग कर सकता है’। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक शशांक ने कहा कि ‘अमेरिकी लोगों को मालूम है कि भारतीय पेशेवर कार्यबल को सभी अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों द्वारा महत्व दिया जाता है, इसलिए वे इस स्थिति का प्रयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में भारत में अमेरिकी राजदूत ने कहा कि इस साल अमेरिका लगभग दस लाख भारतीयों को वीजा देगा। अगर रूस कुछ ऐसा करे, तो यह भी अच्छा होगा’।

पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि चूंकि भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन विचारों का आदान-प्रदान जारी रखे हुए हैं, लिहाजा साफ है कि भारत और रूस दोनों अपनी साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं। हालांकि भारत अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के साथ सहयोग बढ़ा रहा है, फिर भी भारत के लिए रूस के साथ विशेष रिश्ते बिल्कुल महत्वपूर्ण हैं’।

भारत-रूस तेल आयात रिकॉर्ड स्तर पर : उधर स्पुतनिक न्यूज़ इंडिया की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कई भारत में रूसी तेल का आयात जून महीने एक और रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। उद्योग के आंकड़ों से पता चलता है कि अब रूस से आयात सऊदी अरब और इराक से सामूहिक रूप से खरीदे गए तेल के आंकड़े को भी पार कर गया है।

स्पुतनिक न्यूज इंडिया ने एनालिटिक्स फर्म केप्लर में क्रूड विश्लेषण के प्रमुख विक्टर कटोना को उद्धत करते हुए कहा कि जून में तेल आयात की दैनिक मात्रा बढ़कर 2.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन हो गई, जो लगातार 10वें महीने बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन पिछले दो महीनों में रूसी कच्चे तेल की सबसे बड़ी खरीदार रही है, इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड है।