चिंतन के सिर पर ठीकरा

मनीषा यादव
मनीषा यादव
मनीषा यादव

कल तक सत्तारूढ़ होकर जिनका दिल बाग बाग था, आज उनके हाथों से सत्ता की बागडोर पूरी तरह से छूट चुकी थी. ऐसा क्यों हुआ इसकी वजह को इस चिंतन शिविर में खोजा जाना था. सब महारथी आ चुके थे सिवा आलाकमान के.

आलाकमान के सबसे विश्वासपात्र जिन्हें आदरपूर्वक सब दद्दा कहते थे, ने चिंतन शिविर की कमान अपने हाथों में ली और कुर्सी पर पोज बदलते हुए बोले, ‘हम अपनी बात पहुंचा नहीं पाए…’ यह बोल कर उन्होंने कुर्सी पर अपने बैठने के पोज को एक बार फिर बदला. चिंतन शिविर में थोड़ी देर शांति छाई रही. जो जिसके पास बैठा था, वह वहीं से अपने निकट बैठे चिंतन के लिए आए चिंतक से मिलकर चिंतन करने लगा. अर्थात एक चिंतन शिवर में कई चिंतन शिविर हो गए.

चिंतन शिविर एक- ‘झटका तो हम सबको लगा है, मगर दद्दा को कुछ ज्यादा जोर से लगा है! बेचारे ठीक से बैठ नहीं पा रहे हैं. पोज पर पोज बदले जा रहे हैं.’ ‘नहीं ऐसी बात नहीं है, उन्हें बवासीर की शिकायत है न इसलिए.’ ‘अरे कभी पता नहीं चला..’ ‘जब तक सत्ता में थे तब तक कांटों का ताज सिर पर था न!’

चिंतन शिविर दो- ‘दद्दा ने कहा, हम अपनी बात पहुंचा नहीं पाए. मैं समझ ही नहीं पा रहा हूं कि क्या बात पहुंचानी थी!’ ‘अपनी उपलब्धियों को… अच्छाइयों को… और किसको!’ ‘हूंउ, घर-घर हमारे उम्मीदवार पहुंच गए, मगर हमारी बात नहीं पहुंची! कमाल करते हो!’

चिंतन शिविर तीन- ‘विरोधियों ने जबरदस्त प्रचार किया…’ ‘उनकी मार्केटिंग अच्छी रही, यहीं हम मात खा गए.’ ‘भईया आज मार्केटिंग का ही जमाना है, मार्केटिंग अच्छी हो तो कूड़ा भी सोने के भाव बेचा जा सकता है…’ ‘मैं तो पहले ही कह रहा था कि विज्ञापन एजेंसी बदल लो, मगर मेरी किसी ने सुनी ही नहीं! अब भुगतो!’ ‘विज्ञापन एजेंसी की अक्षमता के कारण ही हमारी यह दुर्गति हुई है! पता नहीं किस अनाड़ी ने ठेका दे दिया था इसको!’ ‘कमीशन खाया होगा सालों ने!’

1 COMMENT

  1. phir kya hua agar ab ki bar har gye to
    har jeet to lagi rahti hain ab ki bar sonia ji
    aur rahul baba ki agubai main phir se ladenge
    mera dil kahta hain congresh ka hi pm banenga
    mera to bas ek hi sapna hain hamari sonia ji india
    ki pm bane hain bhagwan meri sun le ab bar
    congresh ko full bahumat se sarkar bana len de
    phir dekhna india kaha se kaha tk jayenga
    main vese to kisi parti ka nhi pr jb se hoos sambhala
    tb se sonia ji ko hi pasand krta hu main un ko pm
    bante huye dekhna chahta hu ab main india nhi hu
    ab maim germany hu yahi pr kam krta hu sonia ghandhi
    jindabad rahul ghandi jindabad aur ha har ki na to sonia
    ji ki jimebari banti hain na rahul ji ki ye to un sab parti
    ki bajah se hua jo parti ko sport kr rahi thi un k chakar
    main kuch kam theek nhi hoye janta sab samjh jayengi
    ab to bjp full bahumat se aayi hain dekhte hain
    ok bye

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here