एलबमः दावत-ए-इश्क

एलबमः दावत-ए-इश्क गीतकार » कौसर मुनीर संगीतकार » साजिद-वाजिद
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एलबमः दावत-ए-इश्क
गीतकार » कौसर मुनीर
संगीतकार » साजिद-वाजिद

दावत-ए-इश्क में एक चांद-सा खूबसूरत गीत है. शलमली खोलगड़े का ‘शायराना’. दिल इस गीत को सुनकर वैसे ही खुश होता है जैसा गुलाबों से घिरे रहने के बावजूद वो खुश रातरानी की खुशबू से होता है. ‘अर्थात’ यह मत निकालिएगा कि बाकी के गीत गुलाब हैं. नहीं हैं. लेकिन अगर साजिद-वाजिद ‘शायराना’ जैसा गीत बना सकते हैं, यकीन मानिए, हिंदी फिल्मों के संगीत का मर्सिया पढ़ने का वक्त अभी नहीं आया है, किताब अंदर रख लीजिए.

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