जनता परिवार में मिलकर आप जेडीएस के लिए क्या संभावनाएं देख रहे हैं?
पिछले साल नवंबर से इस बारे में बातचीत चल रही थी, मुलायम सिंह ने सभी समाजवादी पृष्ठभूमि वाले राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को एक मंच पर साथ आने का अनुरोध किया, उन्होंने मुझे भी साथ आने का आग्रह किया. जनता परिवार मेरे लिए फिलहाल सबसे ज्यादा सांप्रदायिक राजनीति के बरक्स धर्मनिरपेक्ष दलों का गठजोड़ है और केंद्रीय राजनीति में एक किस्म की जो विकल्पहीनता की स्थिति है उसके लिए आनेवाले सालों में बेहतर गुंजाइश बना सकती है. ये अच्छी बात है कि जनता परिवार में शामिल होने वाले सभी दल एक नेता, एक झंडा और एक चुनाव चिह्न पर सहमत हो गए हैं. और जहां तक इस गठबंधन से जेडीएस के लिए संभावनाओं की बात है तो अभी आगे बहुत समय है, कर्नाटक में 2018 में चुनाव होने हैं और केंद्र में चार साल बाद. हमारे लिए बेहतर यही है कि हम इस समय में एक मजबूत गैर भाजपा, गैर कांग्रेस विकल्प तैयार कर जनता को दें.
कर्नाटक में इससे आपको तुरंत क्या फायदा होगा?
कर्नाटक में कांग्रेस, भाजपा और जेडीएस यही तीन दल हैं, यहां आरजेडी, जदयूू या समाजवादी पार्टी नहीं हैं, जिससे हम 2018 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कोई गठजोड़ करें या सीटों का समझौता करें. बिहार और उत्तर प्रदेश में चुनाव में कम समय है, इन दोनों राज्यों में जनता परिवार के गठन से चुनावी राजनीति में बहुत फर्क पडे़गा इसलिए राजद और जदयू दोनों जल्दी विलय चाहते हैं. जद (एस) का राज्य में अपना जनाधार है हम उसे मजबूत करने के लिए पहले से ही काम कर रहे हैं.
फिर भी आपकी कोई तो रणनीतिक सोच होगी विलय के पीछे, संभवतः राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका?