100 दिन बाद शाहीन बाग धरना हटाया गया

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहा धरना 101 वें दिन खत्म हो गया। कोरोना वायरस के खौफ के चलते यह धरना खत्म हुआ। हालांकि बाद में कुछ महिलाओं ने शाहीन बाग थाने का घेराव भी किया।
हालांकि इस दौरान महिलाओं समेत कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। जिसके चलते हल्के तनाव की स्थिति है, पर पूरी तरह से नियंत्रण में है। लोग पहले से ही घरों में कैद हैं। बहुत से लोग अपने होम टाउन पर चले गए हैं।
प्रशासन का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदर्शन खत्म कराया गया है। शाहीन बाग से कुल 9 लोग हिरासत में लिए गए हैं, जिनमें 6 महिलाएं हैं। राजधानी में कर्फ्यू और धारा 144 को देखते हुए कार्रवाई की गई है। आवश्यक वस्तुओं और इमरजेंसी वाहनों के आवागमन में दिक्कत न हो इसलिए कार्रवाई की गई है।
इससे पहले रविवार को कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए धरना खत्म करने को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गए थे। दोनों पक्षों में मारपीट और बहस हुई थी। एक पक्ष ने जनता कर्फ्यू के समर्थन का ऐलान किया था, जबकि दूसरा इसे मानने को तैयार नहीं था। शनिवार को इंडिया इस्लामिक सेंटर में प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस की बैठक हुई थी। इसी बैठक में दो पक्षों के बीच झगड़ा भी हुआ। एक ग्रुप चाहता है कि शाहीन बाग खुले, जबकि दूसरा ऐसा नहीं चाहता था।