रेपो रेट घटाकर ४ फीसदी किया, जीडीपी ग्रोथ शून्य रहने का अंदेशा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को रेपो रेट में ४० बेसिस पॉइंट की कटौती का ऐलान किया है। रेपो रेट को अब ४.४० प्रतिशत से कम करके चार  प्रतिशत करने की घोषणा की गयी है। रिवर्स रेपो रेट में, अलवत्ता, कोई फेरबदल नहीं किया है। आरबीआई ने कहा है कि वित्त वर्ष २०२०-२१ में देश की जीडीपी ग्रोथ शून्य (नेगेटिव) रहेगी और देश में आने वाले समय में महंगाई को कम रखना एक बड़ी चुनौती होगी।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक प्रेस कांफ्रेंस में रेपो रेट में ०.४० प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया। अब रेपो रेट चार प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने अपनी तीन दिन की बैठक में रेपो रेट में कटौती करने को लेकर निर्णय किया है। अभी एक रेपो रेट ४.४ प्रतिशत था।

दास ने कहा कि कोरोना वायरस से उपजे संकट के बीच इकॉनमी को जबरदस्त झटका लगा है। हालांकि, साझे प्रयासों से हालात को संभाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष २०२०-२१ में देश की जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रहेगी। साथ ही आगामी दिनों में महंगाई देश में महंगाई को कम रखना एक चुनौती से कम नहीं हैं।

रेपो रेट काम होने से ईएमआई पर असर पड़ेगा कम हो सकती है। इससे कर्ज  भी सस्ते दर पर मिल सकते हैं। दास ने प्रेस कांफ्रेंस में यह भी बताया कि लॉकडाउन के चलते छह बड़े प्रदेशों में औद्योगिक उत्पादन ठप हुआ है। बिजली, पेट्रोलियम की खपत में कमी आई है और मार्च में सीमेंट उत्पादन १९ फीसदी काम हो गया। यही नहीं भारत में निवेश में भी बड़ी कमी दर्ज की गई है।