राज्यपाल बैजल ने केजरीवाल सरकार के बाहरी लोगों के इलाज पर रोक, और बिना लक्ष्ण टेस्ट से मनाही वाले फैसले पलटे  

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केरीवाल की तबीयत नासाज होने की ख़बरों के बीच इस केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल मंत्रिमंडल के रविवार को किये उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें बाहरी मरीजों का इलाज दिल्ली सरकार के अस्पतालों में नहीं करने की बात कही गयी है। बैजल ने यह फैसला बतौर दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी चेयरमैन किया है, लिहाजा देखना होगा केजरीवाल सरकार उपराज्यपाल के इस आदेश पर क्या रुख अपनाती है। यही नहीं उपराज्यपाल ने बिना लक्षण वाले लोगों को सिर्फ आशंका के चलते टेस्ट करवाने से मनाही के केजरीवाल सरकार के फैसले को भी बदल दिया है।

जानकारी के मुताबिक उपराज्यपाल अनिल बैजल ने फिलहाल सरकार का फैसला पलट दिया है। इसके बाद दिल्ली के अस्पतालों में बाहरी मरीजों का इलाज भी हो सकता है। केजरीवाल केबिनेट ने रविवार को ही बड़ा फैसला करते हुए कहा था कि दिल्ली से बाहर के मरीजों का इलाज अब राज्य सरकार के अस्पतालों में नहीं होगा।
हालांकि, २४ घंटे के भीतर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस फैसले को पलट दिया है जिससे दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप राज्यपाल एक बार फिर आमने-सामने आ सकते हैं।

बैजल दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन भी हैं और उसी उन्होंने हैसियत से यह फैसला यह फैसला पलटा है। बैजल ने अफसरों को आदेश दिया है कि किसी भी व्यक्ति को इलाज के लिए सिर्फ इसलिए मना न किया जाए कि वे दिल्ली के नागरिक नहीं है।

यही नहीं उपराज्यपाल ने बिना लक्षण वाले लोगों को सिर्फ आशंका के चलते टेस्ट करवाने से मनाही के केजरीवाल सरकार के फैसले को भी बदल दिया है। केजरीवाल सरकार ने यह फैसला अस्पतालों में भीड़ न हो और जरूरतमंदों को टेस्ट और इलाज की सुविधा पहले मिले, इसलिए किया था। लेकिन उपराज्यपाल ने इस फैसले को भी बदल दिया है।