ड्रग्स केस: चार दिग्गज अभिनेत्रियों को एनसीबी का समन, दीपिका गोवा से मुंबई रवाना

अभिनेता सुशांत सिंह की मौत के मामले में ड्रग्स एंगल की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बॉलीवुड की चार दिग्गज अभिनेत्रियों को पूछताछ के लिए तलब किया है। इन अभिनेत्रियों में दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान और रकुलप्रीत सिंह शामिल हैं। रकुलप्रीत को आज पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पहले उन्होंने कहा था कि कोई समन नहीं मिला है, लेकिन बाद में कबूला कि समन मिल गया है। दीपिका पादुकोण से कल पूछताछ होनी है, जिसके लिए वह गोवा से मुंबई के लिए निकल चुकी हैं।

बाॅलीवुड की प्रमुख अभिनेत्रियों में सबसे पहले वीरवार को एनसीबी के सामने पेश होने के लिए तलब किया। इसके लिए उनके पते पर समन भेजा, जहां पर वह नहीं मिली, जिसके बाद बताया गया कि उन्होंने अपना पता अपडेट कराया है, जिसके बाद समन वहां पहुंचाया गया।
अपडेट्स

इसके अलावा एनसीबी फैशन डिजाइनर सिमोन खंबाटा और रिया की पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी से पूछताछ कर रही है। करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर क्षितिज प्रसाद से कल पूछताछ के लिए समन भेजा है।

छोटे पर्दे के कलाकार सनम जौहर और अबिगेल पांडे भी आज एनसीबी दफ्तर पहुंचे। दोनों से बुधवार को भी करीब 5 घंटे तक सवाल-जवाब किए गए थे। दीपिका पादुकोण को 25 सितंबर को पेश होना है।

सारा अली खान और श्रद्धा कपूर को 26 सितंबर को एनसीबी दफ्तर पहुंचना है। दीपिका और उनकी मैनेजर करिश्मा प्रकाश के चैट के स्क्रीनशॉट मिलने के बाद दीपिका को समन भेजा गया है। करिश्मा ने अपने वकील के जरिए बीमार होने का हवाला देकर एनसीबी से 25 को पेशी से छूट मांगी थी। चैट में डी शब्द का इस्तेमाल किया गया है, जिसे माना जा रहा है कि दीपिका के लिए किया गया है।

कितनी ड्रग्स पर जमानत और कितनी सजा

गांजा अगर एक किलो से कम बरामद हो तो छोटी मात्रा है। एक किलो से 20 किलो के बीच इंटरमीडिएट मात्रा है यानी दोनों जमानती अपराध हैं। 20 किलो से ज्यादा होने पर गैर जमानती होता है।

चरस, कोकीन, मरिजुआना और हशीश की 100 ग्राम से कम छोटी मात्रा है, जिसमें जमानत मिल जाती है। 100 ग्राम से 1 किलो तक हो तो जमानत तथ्यों के आधार पर मिलती है। 1 किलो से ऊपर होने पर जमानत नहीं मिलती। वहीं हेरोइन की 5 ग्राम से कम छोटी मात्रा है, यह जमानती अपराध है। 250 ग्राम से ज्यादा कमर्शियल मात्रा है। इसमें कम से कम 10 साल सजा का प्रावधान है।