किसानों की कर्ज माफी और महिला सुरक्षा की भेंट चढ़ा महाराष्ट्र बजट सत्र का दूसरा दिन

महाराष्ट्र राज्य के बजट सेशन के दूसरे दिन किसानों की कर्ज माफी और महिला सुरक्षा को लेकर बीजेपी के विधायक आक्रमक रुख में रहे। कामकाज शुरू होते ही विपक्ष ने किसान कर्ज माफी और उसमें हो रही गड़बड़ियों को लेकर सरकार को घेरना शुरू किया। सभागृह में और बाहर बीजेपी विधायकों ने नारे लगाए और अंत में विपक्षियों के चलते विधानसभा का काम स्थगित कर दिया गया।

विधानसभा नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा वह किसानों को बरगला रही है। प्रतिपक्ष नेता का कहना था कि 2 महीने में सिर्फ 15000 किसानों की फेहरिस्त तैयार की गई और सरकार की तरफ से किसानों को महज आश्वासन ही दिया गया है। ठाकरे सरकार की तरफ से सिर्फ साढे छहजार किसानों को कर्ज दिया गया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा इसी गति से अगर कर्ज माफी का सिलसिला चला तो कर्ज माफ करते-करते वर्षों बीत जाएंगे।

विपक्ष द्वारा महिला सुरक्षा पर स्थगन प्रस्ताव पेश किए जाने के बावजूद सरकार ने कामकाज चलाने की कोशिश की ।देवेंद्र फडणवीस ने किसानों के सातबारा कोरा करने के वादे को पूर्ण करने और किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹25000 की मांग की। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष आज इन मुद्दों को लेकर राज्यपाल से भी मुलाकात करेगा।

विधान परिषद में भी नेता प्रतिपक्ष प्रवीण प्रवीण अरे करने दरेकर ने आरोप लगाया कि यह सरकार सिर्फ बदले की राजनीति कर रही है ।

कल भी इन्हीं मुद्दों के चलते महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सेशन की शुरुआत हंगामे और नारेबाजी के साथ शुरू हुई थी। हालांकि सरकार ने किसानों की कर्ज माफी की पहली फेहरिस्त जारी कर अपनी मंशा जाहिर कर दी कि वह विपक्ष के विरोध को इग्नोर करना चाहती है ।फ़ेहरिस्त 15358 किसानों के नाम हैं।

सत्र के पहले दिन ही विधानसभा की कार्यवाही आधे घंटे चली और विधान परिषद की बैठक महज 13 मिनट में खत्म हो गई । हालांकि इसे हंगामे के बीच सरकार ने 24723 करोड़ की पूरक मांगे रखी इसमें से 15000 करोड रुपए किसानों की कर्ज माफी के लिए है।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के किसान कर्ज माफी और महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव की मांग को अस्वीकार किए जाने से विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच सरकार ने अध्यादेश 219 -20 की पूरक मांग और 2014 -15 ,2015- 16 तथा 2016- 17 के अतिरिक्त खर्च की मांग के सदन में रखी गईं। विधान परिषद में भी नेता प्रतिपक्ष द्वारा किसानों की कर्ज माफी और महिला अत्याचार का मुद्दा उठाने और स्थगन प्रस्ताव पेश करने की मांग को सदन में सभापति राम जी नाईक निंबालकर ने अनुमति नहीं दी ।