काबुल के धमाकों में मरने वालों की संख्या 100 के पार पहुंची; बाइडन बोले हमले का बदला लिया जाएगा  

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार की रात हुए बम धमाकों में मरने वालों की संख्या 108 पहुँच गयी है। अभी भी 200 से ज्यादा लोग अस्पतालों में ज़िंदगी की जंग लड़ रहे हैं। धमाकों, जिसकी जिम्मेवारी आइएसके ने ली है, में जान गंवाने वाले 13 अमेरिकी सैनिकों और 95 अफगानी और अन्य लोगों के शव ब्लास्ट वाली जगह से निकाल लिए गए हैं। धमाकों के एक दिन बाद दोबारा अफगानिस्तान से बाहर जाने वालों की बड़ी भीड़ एयर पोर्ट के बाहर दिखाई देने लगी है। उधर काबुल में और धमाके होने का अलर्ट भी जारी किया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बम धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़ रही है और अब तक 108 लोगों की जान जाने की पुष्टि हो चुकी है। ब्लास्ट्स में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और उनका अस्पतालों में इलाज चल रहा। विपक्ष की तरफ से हमले झेल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हमले में अमेरिकी सैनिकों की मौत पर गहरा शोक जताते हुए है शुक्रवार को कहा – ‘हम हमले में शामिल लोगों को छोड़ेंगे नहीं। इसका बदला लिया जाएगा और उन्हें ढूंढ़ कर ख़त्म कर दिया जाएगा।’ अमेरिका में इन सैनिकों की शहादत पर उनके सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाकर रखा गया है।

इस बीच धमाकों के एक दिन बाद शुक्रवार से अफगानिस्तान से निकासी उड़ानें फिर से शुरू हो गईं हैं। शुक्रवार सुबह से कई विमान उड़ान भर चुके हैं। अमेरिका ने इस के बाद और भी हमलों की आशंका जताई है और कल ही अपने देश के नागरिकों को एयरपोर्ट से दूर रहने को कहा था। अमेरिका का कहना है कि देश के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए विदेशी सैनिकों की वापसी की मंगलवार की समय सीमा से पहले और हमले की आशंका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुवार के धमाकों में जो लोग मरे हैं उनमें 28 तालिबानी लड़ाके भी शामिल हैं।

उधर यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने आज कहा – ‘इस्लामिक स्टेट की तरफ से और हमले किए जाने की रिपोर्ट्स पर अमेरिकी कमांडर अलर्ट पर हैं। इसमें रॉकेट और वाहन के जरिए बम धमाके की आशंका है, ताकि एयरपोर्ट को निशाना बनाया जा सके। हम तैयार रहने के लिए वो हर काम कर रहे हैं, जिसकी जरूरत है। कुछ खुफिया जानकारी तालिबान की तरफ से साझा की गई हैं। कुछ हमले तालिबान ने होने से रोके भी हैं।’