अभिभाषण में राष्ट्रपति ने उपलब्धियां गिनाईं, सीएए का जिक्र आने पर विपक्ष की नारेबाजी

संसद का बजट सत्र शुक्रवार शुरू हो गया। पहले दिन कार्यवाही की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दोनों सदस्यों के साझे अभिभाषण से शुरू हुई। राष्ट्रपति ने जब अभिभषण के दौरान सीएए का जिक्र किया तो विपक्ष ने काफी शोरशराबा किया। कोविंद ने इस मौके पर सरकार के उपकब्धियों का जिक्र किया।

संबोधन के दौरान जब राष्ट्रपति ने नागरिकता संशोधन क़ानून का जिक्र किया तो सत्ता पक्ष के सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जमकर मेजें थपथपाईं। इस दौरान, करीब एक मिनट तक तालियां बजती रहीं। बजट सत्र का पहला चरण ११ फरवरी तक चलेग जबकि दूसरा चरण २ मार्च से शुरू होकर ३ अप्रैल को संपन्न होगा।

बजट पहली फरवरी को लोकसभा में पेश किया जायेगा। अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि उनका यह विश्वास है कि आने वाले समय में भी हम सब मिलकर अपने देश के गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेते हुए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए, हर संभव प्रयास करेंगे और अपने प्रयासों में सफल भी आइए, हम सब मिलकर नए भारत का सपना पूरा करें, हम सब मिलकर नया भारत बनाएं।

कोविंद ने कहा कि पड़ोसियों के साथ-साथ विश्व के अन्य देशों के साथ हमारे संबंध मजबूत हुए हैं। यही कारण है कि अनेक देशों ने अपना सर्वोच्च सम्मान भारत को दिया है।  उन्होंने कहा – ”आसियान और अफ्रीकी देशों के साथ अपने सहयोग को हम नए स्तर पर ले जा रहे हैं। इसी दशक में दुनिया को न्यू इंडिया का समावेशी, समृद्ध, समर्थ और सशक्त स्वरूप दिखाई देगा। इसलिए, इस सदन के प्रत्येक सदस्य का और हर देशवासी का यह कर्तव्य है कि वे अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रयास करें और अपने-अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें।”

राष्ट्रपति ने कहा कि हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि किसी भी विचारधारा के नेता या समर्थक होने से पहले हम देश के नागरिक हैं। हमारे देश की प्रतिष्ठा हमारी दलीय प्रतिबद्धताओं से कहीं बढ़कर है। राष्ट्रपति ने कहा, ”मेरी सरकार ने आतंकवाद फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के लिए सुरक्षा बलों को पूरी छूट दी हुई है।”

कोविंद ने कहा – ”बदलते समय में, देश की रक्षा से जुड़ी नई और जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए मेरी सरकार, सेनाओं को और भी सशक्त, प्रभावशाली और आधुनिक बना रही है।  सीडीएस की नियुक्ति और डीएमए का गठन इसी दिशा में उठाया गया कदम है। सरकार की तरफ से अंतरिक्ष में भी सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। ए-सैट के सफल परीक्षण से भारत अंतरिक्ष में विशेष मारक क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।”

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का लक्ष्य, सदैव मानवता की सेवा रहा है। देश के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम के कारण चंद्रयान-२ ने देश के युवाओं में टेक्नोलॉजी के प्रति नई ऊर्जा का संचार किया है। सरकार ने चंद्रयान-३ को स्वीकृति दी है। इसरो मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम- गगनयान और आदित्य-एक मिशन पर भी तेजी से कार्य कर रहा है।”