केंद्र शासित राज्यों में चंडीगढ़ पहले और दिल्ली दूसरे स्थान पर है
राज्यों की प्रगति में केरल सबसे आगे, जबकि बिहार सबसे पीछे है
पिछले महीने नीति आयोग द्वारा सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड 2020-21 के तीसरे संस्करण को जारी किया गया। यह सूचकांक सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय क्षेत्रों में देश के राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन करता है। यह सूचकांक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 0-100 के पैमाने पर मापता है, जहाँ 100 का अर्थ लक्ष्य की प्राप्ति है तथा 0 सबसे ख़राब प्रदर्शन को दर्शाता है। हालाँकि भारत के किसी भी राज्य ने 100 अंक प्राप्त नहीं किये हैं। यानी देश का कोई भी राज्य पूर्ण विकास नहीं कर पाया है।
इस सूचकांक रिपोर्ट के अनुसार, केरल ने 75 अंक हासिल करके पहला स्थान हासिल किया है, जबकि बिहार सबसे निचले पायदान पर है। वहीं तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश 74 अंक के साथ दूसरे स्थान पर हैं। इसी तरह एक समान अंक 72 पाकर चार राज्य- आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक तथा उत्तराखण्ड तीसरे स्थान पर क़ाबिज़ हुए हैं। 71 अंक के साथ देश का उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम चौथे पायदान पर है। वहीं जनसंख्या की दृष्टि से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र 70 अंक प्राप्त कर पाँचवें स्थान पर है। बिहार को महज़ 52 अंक मिले हैं, जबकि झारखण्ड और असम ने बिहार से अच्छे अंक प्राप्त किये हैं; लेकिन इन तीनों राज्यों का प्रदर्शन बाक़ी राज्यों की तुलना में बेहद ख़राब हैं। हिन्दी भाषी क्षेत्र के दो बड़े राज्य राजस्थान और उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन भी ख़राब रहा है। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ ने 79 अंक हासिल करते हुए शीर्ष स्थान और दिल्ली 68 अंक के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है।