राम के नाम पर कथित लूट!

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भूमि सौदों में करोड़ों के गोलमाल का आरोप

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले राम मन्दिर के निर्माण में ज़मीन ख़रीद में कथित रूप से करोड़ों का घोटाला होने से बड़ा विवाद पैदा हो गया है। आरोप लगा है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार की राम मन्दिर परिसर क्षेत्र को बड़ा करने के लिए अधिग्रहित कुछ संदिग्ध भूमि सौदों के लिए लाखों हिन्दुओं की भावनाओं को आहत किया गया, जिन्होंने उदारतापूर्वक ट्रस्ट को 3,200 करोड़ रुपये का योगदान दानस्वरूप दिया था। यह ख़ुलासा उस समय हुआ है, जब राज्य सरकार अपनी कुशल और स्वच्छ छवि को चित्रित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। अयोध्या में राम मन्दिर उत्तर प्रदेश में एक भावनात्मक मुद्दा है और योगी सरकार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की अभी से तैयारी कर रही है।
आम आदमी पार्टी के महासचिव एवं सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी के नेता तेज नारायण उर्फ़ पवन पांडेय ने गाटा संख्या 243, 244, 246 के तहत 12,080 वर्ग मीटर (1.208 हेक्टेयर) क्षेत्र में जिस भूमि सौदे के सम्बन्ध में चौंकाने वाले ख़ुलासे किये, वह अयोध्या की सदर तहसील में हवेली अवध परगना के अंतर्गत बाग़बिजसी गाँव में स्थित है। सर्कल रेट के अनुसार, इसकी क़ीमत क़रीब 5.80 करोड़ रुपये है, जिसे पहले मात्र दो करोड़ रुपये में ख़रीदा गया था और उसके तुरन्त बाद सुल्तान अंसारी ने इस ज़मीन की ख़रीद में हेरफेर करके कई करोड़ कमाये। अयोध्या के मेयर भी इस घोटाले के गवाह बने।
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि पंजीकरण के दौरान भूमि का मूल्य दो करोड़ रुपये आँका गया था, लेकिन विक्रेता को 16.5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान कुछ ही मिनटों में कर दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया- ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा अयोध्या में दो करोड़ रुपये की ज़मीन 18.5 करोड़ रुपये में ख़रीदी गयी थी।’ पहला बैनामा रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी द्वारा कुसुम पाठक और हरीश पाठक से दो करोड़ रुपये में सम्पत्ति की ख़रीद को दर्शाता है। दूसरे में तिवारी और अंसारी को उसी ज़मीन को मन्दिर ट्रस्ट को 18.50 करोड़ रुपये में बेचा हुआ दिखाया गया है। विक्रेता अयोध्या में स्थित सम्पत्ति डीलर हैं और दोनों पंजीकृत दस्तावे•ाों में गवाह ट्रस्ट के सदस्य अनिल कुमार मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, ही हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि ट्रस्ट के सदस्यों के कृत्य ने उन लाखों राम भक्तों के विश्वास को एक बड़ा झटका दिया है, जिन्होंने अयोध्या में भव्य राम मन्दिर निर्माण के लिए दान दिया है। भूमि सौदे के काग़ज़ात स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि कैसे ट्रस्ट के सदस्यों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया और मोटी रक़म का भुगतान करके ज़मीन ख़रीदी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा- ‘ट्रस्ट के सभी कार्यों की अब बारीक़ी से जाँच की जानी चाहिए।’ आरोप लगने के बाद एक बयान में चंपत राय ने कहा- ‘सर्वोच्च न्यायालय के 2019 के फ़ैसले के बाद से अयोध्या में भूमि का मूल्य बढ़ गया है। जहाँ तक ज़मीन का सवाल है, तो जिन डीलरों से ट्रस्ट ने प्लॉट ख़रीदा था, उन्होंने ख़ुद ही वर्षों पहले मूल मालिकों से कम क़ीमत पर सम्पत्ति ख़रीदने का ठेका लिया था। हम पर महात्मा गाँधी की हत्या का भी आरोप लगाया गया था। हम डरने वाले नहीं, उनका (दस्तावेज़ का) अध्ययन करेंगे और फिर जवाब देंगे।’
कांग्रेस ने कहा कि राम मन्दिर निर्माण हेतु करोड़ों लोगों से एकत्रित चंदे का दुरुपयोग और धोखाधड़ी महापाप और घोर अधर्म है, जिसमें भाजपा नेता शामिल हैं। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा- ‘मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने पिता के वचन की अनुपालना में स्वेच्छा से 14 वर्षों का वनवास काटा। पर साफ़ है कि भाजपाई मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र से एक शब्द नहीं सीख पाये। उलटा श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए एकत्रित हुए चंदे का घृणित दुरुपयोग और मन्दिर की ज़मीन ख़रीदने में करोड़ों का घोटाला अब जगज़ाहिर है।’