मिशन- बृहस्पति के चंद्रमा ‘टाइटन’ पर जीवन की खोज.
मिशन की मौजूदा बाधा- उड़ान के वक्त नारियल का पहली बार में न फूटना.
वैज्ञानिक अब टाइटन पर- अभी टाइटन की सरजमीं पर उतर के अपना ताम-झाम सेट करते और जीवन की खोज में खटते कि उनकी नजर सामने एक बड़ी सी चट्टान पर गई. वहां पर कोई बैठा हुआ था. चमत्कार! उतरते ही दिख गए साले! वे दो एलियंस थे. वैज्ञानिक खुशी से उछलना चाहते थे, क्योंकि जब वह यान की तरफ बढ़ रहे थे, तब एक अनहोनी और हुई थी. हुआ यह कि जब वैज्ञानिकों का दल यान की ओर बढ़ रहा था, तब बिल्ली ने उनका रास्ता काट दिया था. वह भी काली. लेकिन यहां आकर कुछ भी अशुभ नहीं हुआ, जैसा कि उनके मन में खटका था. इतनी महत्वपूर्ण खोज, इतना कुछ होने के बाद भी वे उछल नहीं सके. मन मसोस कर रह गए. अगर उछलते तो न जाने कहां जाते. वहां पृथ्वी के जैसा गुरूत्वाकर्षण नहीं था. उछलने से खुद को रोक लेना एलियंस की खोज के बाद वैज्ञानिकों की दूसरी बड़ी उपलब्धि थी.
टाइटन पर कुछ शंकाएं- एलियंस मिल तो गए, तो अब आगे क्या किया जाए! अभी वैज्ञानिकों का दल सोच ही रहा था कि दोनों ऐलियन पास आ गए. उनका व्यवहार मित्रवत लग रहा था. उनसे सम्पर्क बनाने में कोई खतरा नहीं, यह सूंघने के बाद दल भी उनके पास आ गया. फिर भी एहतियातन दल के एक वैज्ञानिक ने एक एलियन को छूकर भी देखा. सुरक्षा का विश्वास होते ही दल ने एलियंस पर प्रश्नों की बौछार कर दी.