क्रिकेट विश्व कप पास की बिक्री जारी, गहरी हैं क्रिकेट में भ्रष्टाचार की जड़ें!

पिछले अंक में ‘तहलका’ एसआईटी ने दलालों द्वारा क्रिकेट विश्व कप के कॉम्प्लिमेंट्री (मुफ़्त) पास बेचे जाने का पर्दाफ़ाश किया था। इस बार उसी के आगे इस घपले में कई और चौंकाने वाले ख़ुलासे करते हुए ‘तहलका’ ने पाया है कि क्रिकेट विश्व कप के मुफ़्त पास और टिकट्स की कालाबाज़ारी के धंधे की जड़ें बड़ी गहरी हैं। यह भ्रष्टाचार लम्बे समय से बदस्तूर जारी है, जिसकी इस दूसरी कड़ी में हम बता रहे हैं कि कैसे जाँच और धरपकड़ की इक्का-दुक्का घटनाओं को छोडक़र यह धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। तहलका एसआईटी का ख़ुलासा :- भारत में चल रहे आईसीसी क्रिकेट विश्व कप (पुरुष) के कॉम्प्लिमेंट्री (मुफ़्त) पास खुलेआम बिकने का ख़ुलासा ‘तहलका’ एसआईटी द्वारा करने के दो दिन बाद कोलकाता पुलिस ने क्रिकेट विश्व कप टिकटों की कालाबाज़ारी के सम्बन्ध में बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (सीएबी) के अध्यक्ष स्नेहाशीष गांगुली को पूछताछ के लिए बुलाया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, स्नेहाशीष गांगुली, जो पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली के भाई हैं; ने यह रिपोर्ट तैयार होने तक उन्हें भेजे गये नोटिस का जवाब नहीं दिया था। मीडिया रिपोट्र्स से पता चलता है कि कोलकाता पुलिस ने अब तक क्रिकेट विश्व कप के 94 टिकट ज़ब्त किये हैं और टिकट्स की इस कालाबाज़ारी में शामिल होने के आरोप में 16 लोगों को गिरफ़्तार किया है। इसमें अब तक कुल सात अलग-अलग मामले दर्ज किये गये हैं। अपनी जाँच के पहले भाग में ‘तहलका’ एसआईटी ने ख़ुलासा किया था कि कैसे दलाल आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप के लिए आईसीसी के कॉम्प्लिमेंट्री पास बेच रहे हैं। यह भी बताया था कि इन पास की क़ीमत मैच की माँग के अनुसार तय की जाती है। इसी पड़ताल में आगे भी ‘तहलका’ रिपोर्टर की मुलाक़ात पंकज वर्मा से हुई, जो लगभग सभी क्रिकेट मैचों के लिए कॉम्प्लिमेंट्री पास बेचने वाला दलाल है। बस उसे अपना पसंदीदा मैच बताएँ, जो आप देखना चाहते हैं; वह पैसे के बदले पास का इंतज़ाम कर देगा।
पंकज वर्मा ‘तहलका’ के रिपोर्टर से 15 अक्टूबर को पहली बार मिला, जिससे उसके द्वारा आईसीसी विश्व कप के कॉम्प्लिमेंट्री पास बेचने के अवैध धंधे का ख़ुलासा हुआ। पंकज ने धर्मशाला में भारत-न्यूजीलैंड मैच के लिए 15,000 रुपये में एक पास बेचने की पेशकश की। कुछ मोलभाव के बाद वह इसे 13,000 रुपये में बेचने को तैयार हो गया। ‘तहलका’ रिपोर्टर का मक़सद कॉम्प्लिमेंट्री पास ख़रीदकर मैच देखना नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार को उजागर करना था। जाने से पहले पंकज ने रिपोर्टर से कहा था कि वह उनके लिए अन्य मैच के भी 12,000 रुपये प्रति पास की दर से कॉम्प्लिमेंट्री पास का इंतज़ाम कर सकता है। यह जाँचने के लिए कि पंकज वर्मा पेशेवर दलाल है या नहीं, ‘तहलका’ रिपोर्टर ने उससे आईसीसी क्रिकेट विश्व कप का एक और कॉम्प्लिमेंट्री पास ख़रीदने का फ़ैसला किया। और इस बार उसने रिपोर्टर को 29 अक्टूबर को लखनऊ में होने वाले भारत-इंग्लैंड मैच के दो कॉम्प्लिमेंट्री पास 7,000 रुपये प्रति पास की दर से दिये। पंकज दिल्ली के पाँच सितारा होटल में हमें ये पास देने आया। दो पास की कुल क़ीमत 14,000 रुपये थी। मुलाक़ात के दौरान पंकज ने ‘तहलका’ रिपोर्टर को बताया कि वह उनके लिए सिर्फ़ कॉम्प्लिमेंट्री पास का ही इंतज़ाम नहीं कर रहा, बल्कि आईसीसी क्रिकेट विश्व कप (पुरुष) के लिए बॉक्स पास का भी इंतज़ाम कर सकता है, जिसमें खिलाडिय़ों के डगआउट के ठीक बग़ल में बैठने का अधिकार तो होगा ही, वहाँ नाश्ता और कोल्ड ड्रिंक भी मुफ़्त में उपलब्ध होंगे। उसने यह भी वादा किया कि वह रिपोर्टर को 4 नवंबर को अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड मैच के दो मुफ़्त बॉक्स पास देगा, जो उसका दोस्त उसे व्यक्तिगत तौर पर देगा। हालाँकि उसने झिझकते हुए कहा कि वह हमें (रिपोर्टर को) जो भी बॉक्स पास उपलब्ध कराएगा, उसका भुगतान करना होगा और उनकी क़ीमत इस पर निर्भर करेगी कि मैच किन टीमों के बीच हो रहा है। रिपोर्टर : ये बताओ क्रिकेट में जो बंदा है, जिससे आप पास ले रहे हो; वो सिर्फ़ पास तक ही लिमिटेड है या आगे…? पंकज : आगे वो बॉक्स एटसेट्रा भी दिलवाता है, …आप बता देना बॉक्स भी दिलवा दूँगा। रिपोर्टर : सर! पहले क्यूँ नहीं बताया? पंकज : बॉक्स इस वाले की नहीं है, …बॉम्बे वाले (मैच) के लिए हो जाएगा। रिपोर्टर : बॉम्बे का कौन-सा मैच है?
पंकज : बॉम्बे में भी एक मैच है। रिपोर्टर : इंडिया का श्रीलंका के साथ? पंकज : आई थिंक…श्रीलंका के साथ। अहमदाबाद के पास चाहिए, तो बता देना, बॉक्स का; …वो तो मेरा एक फ्रेंड है, …फ्री ऑफ कॉस्ट दिलवा देगा। रिपोर्टर : अहमदाबाद में किसका है? पंकज : इंडिया का नहीं है, …पर किसी का है 4 नवंबर को। अहमदाबाद अगर देखना है, तो बॉक्स है? रिपोर्टर : बॉक्स एकदम फ्री है। पंकज : हाँ; एक-दो टिकट करवा दूँगा; … दो ले लो आप। रिपोर्टर : फ्री करवा दो, …या किसी और का हो बॉक्स? पंकज : देखो और जगह तो आई थिंक पेड है वो, …यहाँ का ना मेरा काफ़ी अच्छा है; …वो क्या कहते हैं…बंदा एविएशन वग़ैरह के अंदर का है, …तो किसी ने बस दे दिये। रिपोर्टर : आईसीसी का कोई बंदा होगा? पंकज : जो फ्री है, …फ्री है। रिपोर्टर : मुझे ये लग रहा है आपका जो भी बंदा है ना, …वो आईसीसी का कोई बंदा होगा, उससे ले रहे हैं? पंकज : नहीं-नहीं; …दैट इज स्पॉन्सरशिप; जो ब्रॉन्ड्स वग़ैरह स्पॉन्सर कर रहे हैं, क्रिकेट एटसेट्रा के अंदर, जैसे कि ङ्गङ्गङ्गङ्ग हैं, ङ्गङ्गङ्गङ्ग टायर्स हैं; इन्होंने जो स्पॉन्सरशिप करते हैं ना, इनको कुछ पास मिलते हैं। स्टाफ के लिए, उनके नॉन वग़ैरह के लिए, …तो ये वो वाला सीन है। रिपोर्टर : अच्छा सर! ये बताओ सेमीफाइनल फाइनल का क्या सीन है? …मिलेंगे पास? पंकज : मिल जाएँगे। …आप मुझे बता देना कौन-सा चाहिए? …अहमदाबाद वाला अगर बॉक्स चाहिए फ्री ऑफ कॉस्ट तो मुझे बता देना, …दो करवा देता हूँ, मेरे को बोला था उस बंदे ने- अगर आप जाओगे, तो मैं दूँगा। रिपोर्टर : बॉक्स में क्या-क्या होगा? पंकज : बॉक्स आपका पवेलियन के साथ में होगा, …वहाँ पर स्नैक्स, कोल्ड ड्रिंक सब फ्री होती है। रिपोर्टर : अच्छा; अहमदाबाद का फ्री मिल जाएगा,…उसके बाद? पंकज : उसके बाद सारा पेड है। रिपोर्टर : वो कितने का मिलेगा, दूसरी जगह? …पेड? पंकज : मैं एक बार चेक करके बताऊँगा; …कोई आइडिया नहीं है। …जो आगे से कोड होता है, बता दूँगा। पंकज से जैसे-जैसे बातचीत आगे बढ़ी, उसने बताया कि कालाबाज़ारी करने वालों ने कैसे छल करके आईसीसी क्रिकेट विश्व कप (पुरुष) के सभी ऑनलाइन टिकट ख़रीद लिये और दर्शक टिकट्स के लिए भटक रहे हैं। उसने ख़ुलासा किया कि अब मैचों की माँग देखकर वह उन्हें ब्लैक में बेच रहा है। उसके मुताबिक, भारत के सभी मैचों के टिकट ब्लैक में कहीं ज़्यादा दाम पर बिकते हैं। पंकज ने उदाहरण के लिए बताया कि भारत-इंग्लैंड मैच के टिकट, जिनकी मूल क़ीमत 3,500 रुपये है; 18-20 हज़ार रुपये प्रति टिकट ब्लैक में बेचे जाते हैं। रिपोर्टर : ये भी, जैसे आप कह रहे थे कि डिमांड सप्लाई पर होगा, जैसा आप बता रहे थे? पंकज : एग्जैक्टली, लोग ज़्यादातर इंडिया का मैच प्रेफर करते हैं। …इंडिया के टाइम पर ज़्यादा रेट रहता है। रिपोर्टर : टिकट तो इन्होंने एडवांस में बीसीसीआई ने ऑनलाइन रखे थे? पंकज : हाँ, ऑनलाइन रखे थे; ख़त्म हो गया। आज की डेट में कुछ नहीं है; और मिल भी गया, तो 18-20 के (हज़ार) से कम नहीं है। रिपोर्टर : इंडिया के मैच की या ये वाली, …29 अक्टूबर को है? पंकज : ये वाली, …18-20 की इंडिया-इंग्लैंड। रिपोर्टर : ब्लैक में? पंकज : हाँ जी! …ये वाली जो टिकट है ना, ये आपको मिलेगी ही नहीं। …आपकी कॉम्प्लिमेंट्री टिकट में ना…आप ये मत सोचो, इसमें पैसे नहीं हैं, …कॉम्प्लिमेंट्री में आपको इतनी अच्छी बे (बैठने की जगह) मिलेगी, नॉर्मल टिकट नहीं आएगी। कॉम्प्लिमेंट्री कॉम्प्लिमेंट्री है। …सिर्फ़ खाने को छोड़, वरना कॉम्प्लिमेंट्री बहुत अच्छी है। रिपोर्टर : ये 18 के (हज़ार) वाला टिकट कितने का है, ओरिजिनली? पंकज : 18 के वाली आई थिंक आएगी 3,500 रुपीज में। रिपोर्टर : रुपीज 3500 का 18,000 में! ब्लैक में बाप रे…! लेकिन सारे मैचिज का ब्लैक नहीं है सर? पंकज : सारे का नहीं है, वट देखने वाले मैचेज का एंड मोमेंट पर ब्लैक है; …जिसने देखना, उसे देखना है। रिपोर्टर : मुझे लगता है…जितने भी ब्लैक मार्केटियर्स हैं, उन्होंने पहले ऑनलाइन बुकिंग करवा ली है? पंकज : करवा ली है और देख भी आये हैं; …आप मानोगे नहीं, …इंडिया-पाकिस्तान का तो 24 हज़ार रुपये में बिके हैं। …मेरे फ्रेंड ने ऑफिस के बंदे ने, …कई जगह देकर आये हैं। पंकज ने रिपोर्टर को बताया कि उसे उनसे पहली बार मिलने में डर लग रहा था। उसे पता नहीं था कि वास्तव में हम (रिपोर्टर) कौन हैं। और वह मुफ़्त वाले पास बेच रहा था, जो बिक्री के लिए नहीं हैं। इस खुली बातचीत में पंकज ने ‘तहलका’ रिपोर्टर को बताया कि वह जो पास उन्हें बेच रहा है, वो वास्तव में पूरी तरह मुफ़्त नहीं हैं। किसी ने उनके लिए पैसे चुकाये हैं। और कॉम्प्लिमेंट्री पास हासिल करना कोई आसान काम नहीं है। केवल भीतरी लोग ही इन्हें हासिल कर सकते हैं। रिपोर्टर : और बताओ सर! …उस दिन तो आप इतने डरे हुए थे? पंकज : ऐसे काम ना मैं करता नहीं हूँ; जैसे ये अभी आये हुए हैं, …तो मैं ये ही चैरिटी कर रहा हूँ। रिपोर्टर : इस काम में ऐसा क्या ग़लत है? पंकज : ग़लत मतलब…किसी के कॉम्प्लिमेंट्री आ रहे हैं, क्यूँ सेल करना? …कॉम्प्लिमेंट्री में।