आरटीआई के दायरे में होंगी राजनैतिक पार्टियां

क्या है सूचना आयोग का फैसला ?
केंद्रीय सूचना आयोग ने राजनीतिक दलों को सार्वजनिक संस्था मानते हुए उन्हे सूचना के अधिकार के दायरे में लाने की घोषणा की है. अपने फैसले में सूचना आयोग ने छह राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को छह सप्ताह के अंदर जन सूचना अधिकारी नियुक्त करने और सूचना मांगे जाने पर चार सप्ताह के भीतर जानकारी उपलब्ध करवाने को कहा है. इस फैसले से पार्टियों के खर्च और चंदे आदि के हिसाब-किताब में पारदर्शिता आएगी. सूचना आयोग ने इस आधार पर फैसला दिया है कि राजनीतिक दल सरकार से वित्तीय मदद और रियायती दर पर भूमि आदि लेते रहते हैं लिहाजा वे जनता के प्रति जवाबदेह हैं. फिलहाल राजनीतिक दलों के अंदरूनी लेन-देन की जानकारी सिर्फ उनके द्वारा भरे जाने वाले आयकर रिटर्न के आधार पर ही मिल पाती है.

2 COMMENTS

  1. यह चोर आसानी से नही मानेंगेसुचना आयोग दायरे में आने से बहुत सी गोलमोल खुल जायेगी
    Scतक जाना होगाcorruptionकी जड़ यहां है

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