पनामा पेपर्स लीक

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क्या है मामला?

दुनिया में सबसे ज्यादा गोपनीय ढंग से काम करने वाली कंपनियों में से एक पनामा की मोसाक फोंसेका के एक करोड़ 10 लाख गोपनीय दस्तावेज लीक हुए हैं. इन दस्तावेजों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबियों से लेकर मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक समेत दुनिया के कई बड़े नेताओं के नाम हैं. इन पर आरोप है कि इन्होंने टैक्स हैवन देशों में अकूत संपत्ति जमा की. इनमें करीब 500 भारतीयों के भी नाम हैं. इन गोपनीय दस्तावेजों से पता चला है कि अमीर व शक्तिशाली लोग किस तरह अपने पैसे को बचाने के लिए टैक्स की चोरी करते हैं या उन तरीकों का प्रयोग करते हैं जिनसे उन्हें कम टैक्स भरना पड़े. इससे पता चलता है कि मोसाक फोंसेका ने किस तरह अपने ग्राहकों के काले धन को वैध बनाने, प्रतिबंधों से बचने और कर चोरी में मदद की.

कैसे हुआ खुलासा?

इस खोजबीन में दुनिया के 78 देशों के 107 मीडिया संस्थानों के 350 से ज्यादा पत्रकार शामिल रहे. पत्रकारों ने पनामा पेपर्स मामले से जुड़े दस्तावेजों का एक साल तक अध्ययन किया उसके बाद यह खुलासा हुआ. इस टीम में भारत की ओर से ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार के भी तीन पत्रकार शामिल थे. इन्होंने इंटरनेशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) के साथ मिलकर काम किया. आईसीआईजे के निदेशक गेरार्ड राइल का कहना है कि इन दस्तावेजों में मोसाक फोंसेका की हर दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों का ब्योरा दर्ज है. वहीं कंपनी का कहना है कि वह लगभग 40 साल से बिना किसी लांछन के काम कर रही है. उस पर कुछ गलत करने का आरोप कभी नहीं लगा. इस खुलासे में नाम आने के बाद आइसलैंड के प्रधानमंत्री डेविड गुनलाउगसन ने इस्तीफा दे दिया है. 

कौन-कौन से भारतीय हैं शामिल?

इन दस्तावेजों में फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, उनकी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन, डीएलएफ के मालिक केपी सिंह, गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी और इंडिया बुल्स के समीर गहलोत समेत 500 बड़े लोगों के नाम शामिल हैं. बहरहाल इन लोगों को आयकर विभाग ने नोटिस भी भेज दिया है. इसमें एक नाम इकबाल मिर्ची का भी है जो अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम का खास मददगार माना जाता था. हालांकि उसकी मौत तीन साल पहले हो गई थी. इन खुलासों के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जांच के लिए ‘मल्टी एजेंसी ग्रुप’ बना दिया है. वहीं, काला धन वापस लाने के लिए बनी एसआईटी ने कहा है कि वह मामले की विस्तार से जांच करेगी.