जासूसी और सेक्स थ्रिलर का कॉकटेल

James Headly Chase

लुगदी साहित्य में जासूसी के साथ रोमांस परोसने का सिलसिला काफी पुराना है. इस तरह के उपन्यासों की पाठक संख्या आज भी बनी हुई है. 80 और 90 के दशक में प्रकाशित उपन्यासों में रोचकता को बनाए रखने के लिए जासूसी एक महत्वपूर्ण तत्व होता था. इसके अलावा इसमें रोमांस का तड़का लगाया जाता था. जेम्स हेडली चेइज ऐसे ही एक उपन्यासकार थे, जिन्होंने 90 से ज्यादा जासूसी उपन्यास लिखे. इन उपन्यासों की बदौलत यूरोप में उन्हें थ्रिलर उपन्यासों का बादशाह कहा जाने लगा था. इतना ही नहीं उनके लिखे 50 से ज्यादा उपन्यासों पर फिल्में भी बन चुकी हैं.

 24 दिसंबर 1906 को लंदन में जन्मा यह उपन्यासकार भारत में काफी लोकप्रिय हुआ था. क्राइम फिक्शन, रहस्य, रोमांच, जासूसी और रोमांस के कॉकटेल से वे उपन्यास रचते थे. जिनका हिंदी में अनुवाद करके भारत में प्रकाशित कराया जाता था. जासूसी उनकी पसंदीदा विधा थी, इसका पता इस बात से चलता है कि उन्होंने अपने कई नाम रखे हुए थे. वे कई नामों (पेन नेम) से लिखा करते थे. जन्म के बाद उन्हें ‘रेने लॉज ब्रेबेजॉन रेमंड’ नाम मिला. इसके अलावा वह ‘जेम्स एल. डोचर्टी’, ‘रेमंड मार्शल’, ‘आर. रेमंड’ और ‘एंब्रोस ग्रांट’ के नाम से भी जाने जाते थे. हालांकि वे सबसे ज्यादा लोकप्रिय जेम्स हेडली चेज के नाम से ही हुए. भारत में इसी नाम से आए उनके उपन्यास अच्छी खासी संख्या में बिक चुके हैं.

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जेम्स ने अपने पेशेवर सफर की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्घ के समय इंग्लैंड की रॉयल एयरफोर्स में सेवा देकर की थी, लेकिन ये उन्हें ज्यादा समय तक रास नहीं आया और किताबें पढ़ने और बेचने का शौक उन्हें उपन्यास लेखन की दुनिया में ले आया. 90 के दशक में जेम्स हेडली चेइज की लोकप्रियता को देखते हुए कुछ दूसरे भारतीय लेखकों ने भी छद्म नामों से बाजार में उपन्यास उतारे. इनमें जासूसी और रोमांस के साथ सेक्स को भी खूब जगह मिलती थी. ऐसा ही एक छद्म नाम रीमा भारती का है. जिनके उपन्यास का कंटेंट पूरी तरह से फिल्मी होता है. शायद ये एक तरह का चलन है. छद्म नाम होने की वजह से आप किसी भी हद तक इरोटिक (कामुक) कंटेंट पाठकों को परोस सकते हैं. इससे वास्तविक लेखक की पहचान और प्रसिद्घि भी प्रभावित नहीं होते.

 बहरहाल, मसाला फिल्मों की तरह ये उपन्यास मार-धाड़ के साथ जासूसी, देशभक्ति, थ्रिलर और एडल्ट कंटेंट से भरपूर होते हैं. रीमा भारती की बात करें तो उन्हें उनके उपन्यासों में भारत की कथित सीक्रेट सर्विस एजेंसी ‘आईएससी’ का एजेंट बताया जाता है. उपन्यासों में रीमा भारती का किरदार एक देशभक्त के रूप में गढ़ा जाता है जो अपने मकसद को पूरा करने के लिए अपने शरीर का इस्तेमाल करने से भी नहीं चूकतीं. जेम्स हेडली चेइज के उपन्यास अब बहुत ही कम नजर आते हैं, लेकिन जासूसी, रोमांच, रोमांस और सेक्स के इसी कॉकटेल की वजह से ‘रीमा भारती’ जैसे लेखक आज भी रेलवे स्टेशनों के बुक स्टॉलों की शान बने हुए हैं.