पेपर लीक का खेल जारी

मोटी रक़म लेकर परीक्षाएँ पास करवाते हैं माफ़िया !

इंट्रो- देश में आये दिन पेपर लीक के मामले उजागर होते रहते हैं। यह एक अनप्लग्ड घोटाला है, जिसकी तह में जाते हुए ‘तहलका’ एसआईटी ने अपनी इस रिपोर्ट में एक अवैध नेटवर्क का ख़ुलासा किया है, जो न केवल पेपर लीक करने का काम करता है, बल्कि अवैध ‘डंकी रूट’ के ज़रिये अप्रवासन करने (चोरी-छिपे विदेशों में बसने) के लिए बेताब लोगों की सहायता भी करता है। जैसा कि हाल ही में बॉलीवुड की एक हिट फ़िल्म में दिखाया गया था। दोनों ही तरह के ख़ुलासे करती तहलका एसआईटी की रिपोर्ट :-

 ‘परीक्षा प्रश्न-पत्रों के लीक होने के पीछे हमारा माफ़िया गिरोह प्रमुखत: से काम करता है। भारत में एक भी परीक्षा ऐसी नहीं है, जो हमारे प्रभाव से बच जाए। हमारी पहुँच प्रतिष्ठित आईएएस परीक्षा तक है, जो 3,00,00,000 (तीन करोड़) रुपये की क़ीमत पर उपलब्ध है। हम आपको एक फुलप्रूफ पैकेज का आश्वासन देते हैं, जिसमें प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू शामिल हैं; सभी एक स्पष्ट, 100 प्रतिशत गारंटी के साथ।’

यह चौंकाने वाला ख़ुलासा तब सामने आया, जब दिल्ली के एक एजेंट राकेश भंडारी ने ‘तहलका’ के एक अंडरकवर रिपोर्टर के सामने अपनी अवैध सेवाओं का ख़ुलासा करते हुए शेख़ी बघारी कि वह पैसे के बदले भारत की किसी भी परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक करवा सकता है। भंडारी ने रिपोर्टर को क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों की चौकस निगाहों से बचने के लिए लो-प्रोफाइल अस्तित्व बनाये रखने की अनिवार्यता के बारे में भी समझाया।

भंडारी ने समझाया कि उसके असंख्य अवैध कामों से आमदनी के बाद विलासितापूर्ण जीवन जीना अनिवार्य रूप से अवांछित ध्यान को आकर्षित करेगा। अपने गिरोह के गुप्त अभियानों के बारे में विस्तार से बताते हुए भंडारी ने कहा कि वह न केवल पेपर लीक करने में शामिल था, बल्कि भारतीयों को अवैध और ख़तरनाक डंकी रूट से नेविगेट करने में मदद करने के लिए एक भूमिगत नेटवर्क की सुविधा भी प्रदान कर रहा था; जो कि विदेशी तटों के लिए एक गुप्त रास्ता है; जो हाल ही में हिट बॉलीवुड फ़िल्म ‘डंकी’ में दिखाया गया है। इसके अतिरिक्त वह पैसे लेकर विशिष्ट देशों की विदेशी नागरिकता हासिल करने में लोगों की सहायता करता है।

इसके बाद भंडारी ने अपने अवैध धंधे में प्रचलित संदिग्ध व्यावसायिक प्रथाओं के बारे में बताया, जहाँ वह अपरंपरागत नीतियों का सहारा लेता है। हमेशा एक महिला को सौदों के बीच लाना, एक अजीब युक्ति थी। यह अनुमानित एक रणनीतिक क़दम लगता है कि अगर चीज़ें बदतर मोड़ लेती हैं, तो एक महिला की उपस्थिति नकारात्मक स्थितियों से बचने का संभावित मार्ग तैयार कर सकती है। इसके अतिरिक्त वे (भंडारी और उसके साथी) एक चुस्त-दुरुस्त गिरोह के रूप में काम करते हैं, जो अवैध काम को लोगों से छिपाये रखने के लिए आपस में एक कोड वर्ड का इस्तेमाल करते हैं। भंडारी ने ख़ुलासा किया कि वे (वह और उसके साथी) ग्राहकों के साथ फोन नंबर साझा करने से इनकार कर देते हैं और अपने अवैध लेन-देन के लिए विशेष रूप से कोड भाषा में बातचीत करते हैं।

राकेश भंडारी ‘तहलका’ के रिपोर्टर से दिल्ली के एक पाँच सितारा होटल में एक सौदे को अंतिम रूप देने के लिए आया था। इसके तहत 20 जनवरी को होने वाली 2024 की फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) के प्रश्न-पत्र की प्रति उसने 18,00,000 (18 लाख) रुपये लेकर परीक्षार्थी को देने की बात कही। मौज़ूदा नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय संस्थान से पढ़ाई करने वाले छात्र को साल में दो बार राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीए) द्वारा लिया जाने वाला स्क्रीनिंग टेस्ट एफएमजीई पास करना होगा। यह परीक्षण राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) या राज्य चिकित्सा परिषदों (एसएमसी) के साथ अस्थायी या स्थायी पंजीकरण प्राप्त करने के लिए एक शर्त है, जिससे उन्हें क़ानूनी रूप से भारत में चिकित्सा का अभ्यास करने की अनुमति मिलती है। भंडारी ने ‘तहलका’ रिपोर्टर को परीक्षा से दो दिन पहले एफएमजीई प्रश्न-पत्रों के लीक करने की गारंटी दी। लेकिन इसके लिए उसने प्रति उम्मीदवार 18 लाख रुपये की एक निश्चित रक़म की दर से चुकाने की शर्त रखी।

‘तहलका’ रिपोर्टर ने इन सौदों से अनजान की तरह कुछ (काल्पनिक) छात्रों को ग्राहकों के रूप में पेश करते हुए परीक्षा पास कराने की पेशकश की। इसके बाद भंडारी ने अपनी योजना को क्रियान्वित करने की अपनी गोपनीय व्यवस्था के बारे में विस्तार से बताया। इस डील में भंडारी द्वारा निर्दिष्ट स्थान पर 16-17 जनवरी को हमारे (काल्पनिक) छात्रों को (लीक) प्रश्न-पत्र सौंपने की योजना शामिल थी, जहाँ से उसकी योजना के मुताबिक वह हमारे छात्रों को अपनी पसंद के पूर्व-निर्धारित स्थान पर ले जाएगा (जैसा कि उसने कहा)। तय हुआ कि भंडारी के सहयोगी द्वारा पेपर मिलने के बाद 20 जनवरी की परीक्षा के लिए 18 जनवरी की रात को वह उसे हमारे (काल्पनिक) छात्रों को दे देगा।

भंडारी ने इस साल एफएमजीई परीक्षा से कुछ दिन पहले प्रश्न-पत्र लीक करने की 100 प्रतिशत गारंटी दी। उसने कहा कि इस परीक्षा को पास करवाने के लिए वह दूसरों से प्रति परीक्षार्थी 20 से 25 लाख रुपये लेता है। लेकिन वह हमें उसके साथ पहले से हुई बातचीत के चलते प्रति परीक्षार्थी 18 लाख रुपये की रियायती दर पर प्रश्न-पत्र उपलब्ध करायेगा।

 रिपोर्टर : ये बताइए, किस तरीक़े से होगा, …आपने 3 तरीक़े बताये थे?

भंडारी : एक तरीक़ा तो वो, जो बेस्ट है; …पेपर वाला।

रिपोर्टर : पेपर लीक होगा?

भंडारी : हाँ, करवा दूँगा पेपर को…।

रिपोर्टर : एग्जाम 20 जनवरी को है?

भंडारी : 18 तारीख़ को रात को छोड़ दूँगा उसको।

रिपोर्टर : पेपर लीक कहाँ से होगा?

भंडारी : लीक कहाँ से हो रहा है, आ रहा है मेरे पास।

रिपोर्टर : आपके पास आ रहा है? …मतलब एग्जाम से पहले आ रहा है, लीक ही हो गया ना!

भंडारी : 17 तारीख़, …18 तारीख़।

रिपोर्टर : 17-18 में पेपर आ रहा है? 17-18 में पड़ेगा वो।

भंडारी : दिखा दूँगा 17-18 में पड़ेगा वो।

रिपोर्टर : सॉल्व कौन करवाएगा पेपर लड़के को?

भंडारी : सॉल्व करवाकर दूँगा।

रिपोर्टर : आपके पास हैं बंदे?

भंडारी : हम्म…!

रिपोर्टर : क्या सिस्टम रहेगा, …बंदे का हिसाब-किताब?

भंडारी : वैसे तो 20-25 लाख रुपीज लेता हूँ लोगों से, …आपसे तो 18 (18 लाख) में बात हुई है।

रिपोर्टर : हाँ, लास्ट टाइम 18 में हुई थी।

भंडारी : इस बार 100 पर्सेंट है, …100 पर्सेंट।

रिपोर्टर : मैंने एक लड़के से मिलवाया भी था…!

भंडारी : इस बार पक्का है। उसका फोन होना चाहिए वहाँ पर, जहाँ पर लोकेशन है; …रजिस्टर करवाया हो।

भंडारी ने अपने तौर-तरीक़े का ख़ुलासा करते हुए कहा कि वह हमारे छात्र को एक निर्दिष्ट स्थान से ले जाएगा, जो 17-18 जनवरी को 10,000 रुपये के शुल्क पर उसकी देख-रेख में रहेगा। 18 जनवरी की शाम को उनके सहयोगी द्वारा हमारे (काल्पनिक) छात्र को प्रश्न-पत्र देने के बाद उसे 20 जनवरी को होने वाली एफएमजीई परीक्षा में उपस्थित होने के लिए छोड़ दिया जाएगा।

रिपोर्टर : पूरा सिस्टम समझा दो, कैसे होगा बच्चे का?

भंडारी : बच्चा आएगा अपने पास से, …आप मुझे बच्चे को मिलवाओगे। कोई प्वाइंट रखेंगे, जैसे शा..ङ्गङ्गङ्गड्ड हो गया। मैं यहाँ से पिक करूँगा।

रिपोर्टर : बच्चे को यहाँ से पिक करोगे? …जो भी प्वाइंट आपको बताया जाएगा?

भंडारी : प्वाइंट मैं दूँगा आपको, … कहाँ मिलना है।

रिपोर्टर : आप बताओगे या मैं बताऊँगा?

भंडारी : मैं ही बताऊँगा। …आपके प्वाइंट पर थोड़ी आऊँगा मैं। …मैं आपको कहूँगा इस प्वाइंट पर आओ, …आप के पास 10-12 बच्चे हैं। ….12 बच्चे लेकर आ जाओ। हमारी गाड़ियाँ लगी होंगी। हम पिकअप करा देंगे।

रिपोर्टर : दिल्ली में ही?

भंडारी : कहीं भी हो; …आपको थोड़ी बता देंगे! …कहाँ पर हैं हम…।

रिपोर्टर : नहीं, मतलब जगह दिल्ली में ही होगी?

भंडारी : आस-पास ही होगी। …उसका खाना, रहना दो दिन का?

रिपोर्टर : लड़के को दो दिन?

भंडारी : हाँ; मतलब 17 तारीख़ को ले लिया उसको, … 18 तारीख़ को छोड़ देंगे उसको, …6-7 बजे।

रिपोर्टर : पेपर सोल्व करवा के?

भंडारी : सब कुछ करवा के। …19 तारीख़ को वो आपके पास रहेगा।

रिपोर्टर : ठीक है।

भंडारी : 20 तारीख़ को एग्जाम दे देगा. …कन्फर्म हो जाएगा।

 अब भंडारी ने ‘तहलका’ रिपोर्टर बताया कि हमारे छात्रों को परीक्षा से पहले उसके द्वारा प्रदान किये गये उत्तरों को याद रखना होगा। रिपोर्टर को आश्वासन देते हुए उसने कहा कि उसके द्वारा दिया गया प्रश्न-पत्र 20 जनवरी को अंतिम प्रश्न-पत्र का सटीक मिलान होगा।

रिपोर्टर : और वही क्वेश्चन नहीं आये एग्जाम में तो?

भंडारी : हो ही नहीं सकता।

रिपोर्टर : गारंटी?

भंडारी : गारंटी, …फिर इतनी मेहनत क्यूँ करूँगा मैं?

 इसके बाद भंडारी ने रिपोर्टर से अनुरोध किया कि वह अंतिम समय में किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए तय राशि के लिए विदेशी एमबीबीएस डिग्री, मार्कशीट और चार पोस्ट-डेटेड चेक तैयार रखें।

भंडारी : डॉक्यूमेंट्स ले लो।

रिपोर्टर : डॉक्यूमेंट्स में क्या-क्या?

भंडारी : डिग्री और ट्रांसफर।

रिपोर्टर : डिग्री एमबीबीएस की, जो उसने विदेश से की है?

भंडारी : हाँ; और मार्क्स कार्ड, जो उसका होता है।

रिपोर्टर : मार्कशीट?

भंडारी : हाँ; वो डिग्री के साथ ही होती है। और 4 चेक, …बच्चा अपने नाम से देगा।

रिपोर्टर : 4 चेक? …पीडीसी के? कितने अमाउंट के?

भंडारी : जैसे 20-22 लाख की बात हुई, तो आप अपने हिसाब से कर लो ना!

रिपोर्टर : जैसे 20 लाख की बात हुई, तो 5-5 लाख के? …पीडीसी वो आप को देने होंगे?

 अब भंडारी ने कहा कि छात्रों से भुगतान तब लिया जाएगा, जब वे अपनी परीक्षा सफलतापूर्वक पास कर लेंगे। वह रिपोर्टर से अपनी बात दोहराते हुए कहता है कि उसके द्वारा लीक पेपर तय छात्रों के लिए गारंटी से परीक्षा उत्तीर्ण करना सुनिश्चित करता है।

रिपोर्टर : अच्छा, पेमेंट कब करनी होगी, लड़के को?

भंडारी : रिजल्ट के बाद।

रिपोर्टर : रिजल्ट कब आएगा?

भंडारी : 20 तारीख़ का एग्जाम है, तो 2 फरवरी तक आएगा रिजल्ट।

रिपोर्टर : 2 फेव (फरवरी) को रिजल्ट आ जाएगा, …उसके बाद पेमेंट करना है?

भंडारी : 48 घंटे के अंदर-अंदर।

रिपोर्टर : रिजल्ट आने के 48 घंटे के अंदर-अंदर पेमेंट करना है? …10-12 दिन कोई पेमेंट नहीं करना?

भंडारी : क्यूँ करोगे आप? उसको तो पता होगा मैं पास हूँ।

रिपोर्टर : मतलब, 20 को उसने एग्जाम दे दिया; …20 के बाद 2 तारीख़ को उसको पेमेंट करना है, अगर पास हो गया तो?

भंडारी : वो तो होगा ही होगा पास।

रिपोर्टर : गारंटी है?

भंडारी : भाई साहब! उसको वही पकड़ाया है, जो आ रहा है।

 20 जनवरी, 2024 की परीक्षा के एफएमजीई पेपर लीक के बारे में विस्तार से बात करने के बाद भंडारी ने अपने ऑपरेशन के एक और पहलू- ‘पैसा लेकर विदेशी नागरिकता की सुविधा प्रदान करने’ का ख़ुलासा किया। भंडारी ने अपने सहयोगी नवीन के साथ रिपोर्टर की फोन पर बात करायी। इस मामले के लिए ‘राइट मैन’ (उनकी गुप्त कोड वर्ड भाषा में) के नाम से पुकारे जाने वाले नवीन ने एक योजना की रूपरेखा पेश की, जिसमें पोलैंड की एक महिला पैसे के बदले एक भारतीय पुरुष के साथ अनुबंध-विवाह करने को तैयार है।

फोन पर बातचीत के दौरान नवीन ने अपने काम का तरीक़ा समझाया कि पोलिश महिला भारत की यात्रा करेगी, उस आदमी से शादी करेगी और बाद में वह उस आदमी को लेकर पोलैंड लौट जाएगी। कुछ महीनों के बाद उनकी शादी टूट जाएगी। भारतीय व्यक्ति को पोलिश पासपोर्ट और नागरिकता के साथ छोड़ दिया जाएगा। बातचीत से अवगत होने पर भंडारी ने इसकी सटीकता की पुष्टि करते हुए इसे विदेशी नागरिकता हासिल करने का सही और आसान तरीक़ा बताया। वित्तीय पहलुओं के बारे में बताते हुए उसने कहा कि पोलिश महिला को भारत की यात्रा का ख़र्च देना होगा और बाक़ी रुपये (बाहर की) नागरिकता सुरक्षित होने के बाद देने होंगे।

रिपोर्टर : सिटीज़नशिप की मैं बता दूँ; उन्होंने क्या बताया है, …नवीन जी ने? …जिससे आपने फोन पर बात करवायी है, उन्होंने कहा है कि जैसे पोलैंड की है, …पोलैंड की सिटीज़नशिप चाहिए, जहाँ इंग्लिश स्पीकिंग हो। …आगे बता दी मैंने वो तैयार है।

भंडारी : एज (उम्र) ज़्यादा है?

रिपोर्टर : नहीं-नहीं; देखने में 35 का लगता है वो। …आप उसकी टेंशन न लो। नवीन जी से बात हो गयी है मेरी; …वो कह रहे हैं- लड़की आएगी पोलैंड से, शादी कर लेगी, …नागरिकता के लिए। उसके बाद वो लड़की उनको लेकर वहाँ चली जाएगी, पोलैंड। वहाँ डिवोर्स हो जाएगा।

भंडारी : 5 महीने, …3-4 महीने में मिल जाएगा।

रिपोर्टर : और सिटीज़नशिप मिल जाएगी? …ये है।

भंडारी : तरीक़ा तो वो ही होता है ना! …वो जेनुअन (असली) काम कराकर देगा।

रिपोर्टर : इसका भी पेमेंट बाद में होगा?

भंडारी : जो लड़की आएगी, उसका ख़र्चा कौन देगा? …वहाँ से फ्लाइट पकड़कर आएगी, ख़र्चा तो आप दोगे ना! …तो इंडिया, रेस्ट मनी विल बी पेड आफ्टर दि वर्क। (बाक़ी पैसे काम के बाद भुगतान किया जाएगा।)

 भंडारी ने ‘तहलका’ के अंडरकवर रिपोर्टर के सामने खुले तौर पर स्वीकार किया कि पूरे पेपर लीक सिंडिकेट पर उनका (उसका और उसके साथियों का) पूर्ण नियंत्रण है। यहाँ तक कि उसने दावा किया कि वह ताशकंद में अपने बेस से काम करता था। उसके अनुसार, वह भारत में किसी भी परीक्षा के प्रश्न-पत्र को लीक करने की व्यवस्था की शक्ति रखता है; यहाँ तक कि सिविल सेवा परीक्षाओं में भी अपना प्रभाव रखता है।

सिविल सेवा के पेपर लीक होने की दर के बारे में पूछे जाने पर भंडारी ने मोटी रक़म माँगते हुए कहा कि इस परीक्षा के लिए 3,00,00,000 (तीन करोड़) रुपये लगेंगे, जिसमें वह प्री, मेन्स और इंटरव्यू तक पास करवाना शामिल होगा। इसके अलावा उसने रिपोर्टर को आश्वासन दिया कि इस साल उनके पास एफएमजीई पेपर लीक करने की कुंजी है।

रिपोर्टर : पेपर कन्फर्म हो रहा है, लीक इस बार का…2024?

भंडारी : सर जी! कोई भी पेपर बोलोगे ना आप! कोई भी पेपर बोलोगे, …वो पूरा माफ़िया है मेरे साथ। …ताशकंद में ऐसे ही न थोड़ी बैठा था मैं।

रिपोर्टर : आएएस का?

भंडारी : पैसा बहुत लगता है उसमें।

रिपोर्टर : कितना?

भंडारी : 3 करोड़। …दे दोगे?

रिपोर्टर : सिविल सर्विसेज का निकलवा दो। …दोनों का या एक का?

भंडारी : दोनों का 100 पर्सेंट, इंटरव्यू तक सेटिंग कराकर चलनी पड़ती है। …प्रीलिम्स तो आराम से निकाल देगा, मेन रहता है, …इंटरव्यू तक सेटिंग; …कौन-सा काडर कर रहा है? इस बार कौन-सा आएगा? …वो यही काम तो करते हैं सारे।

इसके बाद भंडारी ने अवैध कामों में अपनी संलिप्तता के बारे में बताते हुए अपने दूसरे अवैध कामों के बारे में और जानकारी दी। उसके अनुसार, उसके कई ऐसे लोगों के साथ सम्बन्ध हैं, जो गुप्त ‘डंकी रूट’ के ज़रिये से भारतीयों को विदेश ले जाने की सुविधा प्रदान करने में सक्षम हैं।

रिपोर्टर : कौन-कौन से?

भंडारी : वो बता देगा आपको सारे।

रिपोर्टर : कौन बताएगा?

भंडारी : नवीन भाई, …नवीन भाई का है एक आदमी। …ज़ारा वाला करता है ये काम, …वो तो किंग है। …किंग पिन है ज़ारा वाला।

रिपोर्टर : ज़ारा वाला कौन?

भंडारी : ये कोड वर्ड होते हैं। इस लाइन में कोड वर्ड में बात होती है। …नाम से नहीं होती। …आपका भी कोड वर्ड होगा, फिर आये…।

रिपोर्टर : ठीक है।

भंडारी : हमारे को तो अपना लेना है, …आगे भेज दिया आपने। थोड़ा-सा ये होता है…, जैसे 20 आदमी आपने भेज दिये, एक आदमी का कभी-कभी फँस गया मामला…।

रिपोर्टर : हाँ; वो तो आपने बताया था फोन पे…।

भंडारी : तभी तो ये काम हम थोड़ा-सा कम करते हैं।

रिपोर्टर : किस-किस कंट्री का हो सकता है?

भंडारी : जहाँ पर भी चाहे।

रिपोर्टर : अमेरिका, कनाडा?

भंडारी : यूएसए जा सकता है।

रिपोर्टर : यूएसए?

भंडारी : वहाँ पर पासपोर्ट फेंक दे, …असाइलम (शरण) ले लेंगे, …मुझको ख़तरा है जी!

रिपोर्टर : असाइलम ले-ले? …वो तो लंदन में भी हो जाएगा?

भंडारी : लंदन में भी हो जाएगा। …एक झुण्ड जाता है, एक के बाद। फिर पकड़े जाते हैं; …2-4 दिन,…5-7 दिन बाद रहते हैं। …फिर असाइलम मिल जाता है।

रिपोर्टर : ये हो जाएगा; …क्यूँकि इसमें भी कुछ लोग हैं, इसलिए मैं पूछ रहा था।

भंडारी : भाई साहब! एक बात बताओ, …कौन-सा काम मुश्किल है?

हालाँकि यहाँ समझ लेना चाहिए कि ‘तहलका’ एसआईटी द्वारा उजागर किया गया भारत में पेपर लीक का यह एकमात्र मामला नहीं है। हाल के दिनों में स्कूल स्तर के पेपर लीक से लेकर विभिन्न भर्तियों और अन्य परीक्षाओं तक में अवैध तरीक़े से पेपर लीक के कई उदाहरण सामने आये हैं। हालाँकि जो बात इसे अलग करती है, वह यह है कि पहली बार पेपर लीक माफ़िया के एक सदस्य को ‘तहलका’ के ख़ुफ़िया कैमरे में $कैद किया गया है, जो 20 जनवरी, 2024 की एफएमजीई परीक्षा के लिए पेपर लीक करने के अपने इरादे को खुले तौर पर स्वीकार करता है।

अपनी खोजी रिपोर्ट के निष्कर्ष पर पहुँचने के बाद हम सुरक्षित रूप से कह सकते हैं कि भंडारी द्वारा किये गये दावे यदि सही हैं, तो प्रणालीगत भ्रष्टाचार की यह एक परेशान करने वाली तस्वीर है, जो भारत के योग्यता तंत्र की नींव को ही नष्ट कर रही है। इसके अतिरिक्त गुप्त ‘डंकी रूट’ के माध्यम से भारतीयों के विदेश में बसने के अवैध काम को सुविधाजनक बनाने का उसका (भंडारी का) दावा नागरिकता लाभ के लिए अँधेरे गोपनीय रास्ते की योजना को उजागर करता है, जिसमें बताया गया है कि कुछ लोग विदेश में एक नया जीवन स्थापित करने के लिए पासपोर्ट के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।