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सर्वोच्च न्यायालय क्यों पहुँचा कांवड़ यात्रा विवाद ?

सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और मध्य प्रदेश सरकारों के द्वारा जारी निर्देशों के कार्यान्वयन को रोकने के लिए क़दम उठाया है, जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान खाने-पीने और फलों की दुकानों के मालिकों को अपना नाम लिखकर लगाना अनिवार्य किया गया है। इस अंक में ‘तहलका’ की आवरण कथा ‘पहचान के विवाद में भाजपा सरकारें’ में मुदित माथुर का तर्क है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए खाने-पीने की दुकानों पर उनके मालिकों का नाम लिखने का जो निर्देश यह कहकर जारी किया गया था कि कांवड़ियों की धार्मिक भावनाएँ संयोग से भी आहत न हों, इसलिए यह निर्देश जारी किया गया; ग़लत है। यह ध्यान देने योग्य है कि याचिकाकर्ताओं ने भी सर्वोच्च न्यायालय में वही बात कही, जो हमारी आवरण कथा में कही गयी है कि इन निर्देशों के परिणामस्वरूप देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को नकारने के अलावा भेदभावपूर्ण परिणाम होंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश और दिल्ली को समन जारी करके इस पर जवाब माँगा है।

बहुत पहले उत्तराखण्ड के देहरादून और उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित इंडियन एक्सप्रेस समूह के एक रिपोर्टर के रूप में मैंने देखा कि पिछले कुछ वर्षों में एक पखवाड़े तक चलने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान कई मुस्लिम और अन्य धर्मों के लोग कांवड़ियों की सेवा करते थे और शिव-पूजा में भाग लेने के लिए हिन्दू कांवड़ियों के साथ पैदल यात्रा करते थे। हालाँकि सरकार की ध्रुवीकरण की चाल उसके सहयोगियों- जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के विरोध से उलटी पड़ गयी है। इन दलों ने इस आदेश की आलोचना की है और बसपा अध्यक्ष मायावती ने इसे असंवैधानिक बताया है।

इधर, दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने की दु:खद घटना, जिसमें यूपीएससी की तैयारी करने वाले तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गयी; राजनीतिक विवाद का विषय बन गयी है। इसके लिए जवाबदेह राजनीति और कोचिंग प्रबंधन की कमी पर सवालिया निशान खड़े होते हैं। दिल्ली सरकार इस मामले में केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है और केंद्र सरकार तारीफ़ का जवाब दे रही है। कुछ अनुमानों के अनुसार, भारत में कोचिंग उद्योग 58,000 करोड़ रुपये का है और लगभग 15 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ साल 2028 तक इसके 1.33 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान है। विडंबना यह है कि यह दु:खद घटना ऐसे समय में हुई, जब शिक्षा मंत्रालय देश भर में कोचिंग सेंटर्स के विनियमन के लिए दिशा-निर्देशों का एक सेट लेकर आया है। इन तीन युवाओं- उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के नेविन डाल्विन की मौत सरकारों को अंतिम चेतावनी होनी चाहिए कि विद्यार्थियों की मौत व्यर्थ नहीं जा सकती और आगे से इस तरह की लापरवाही भी नहीं होनी चाहिए।

विनाशकारी ख़बरों के बीच पेरिस ओलंपिक से कुछ अच्छी ख़बरें आयी हैं, जहाँ मनु भाकर ने सरबजोत सिंह के साथ मिलकर आज़ादी के बाद खेलों के एक ही संस्करण में दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बनने का इतिहास रचा है। हरियाणा के अंबाला के सिंह ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम में कांस्य पदक जीता। ये दोनों एथलीट हरियाणा से हैं, जो अब तक मुक्केबाज़ों और पहलवानों के लिए अग्रणी जाना जाता है। कहना होगा कि अच्छी शुरुआत और भी अच्छी ख़बरों की शुरुआत करती है।

ओलंपिक हॉकी : भारत क्वार्टर फाइनल में, आयरलैंड को 2-0 से हराया

मनमोहन सिंह

जैसे ही पूल बी में अर्जेंटीना ने न्यूजीलैंड को 2-0 से हराया वैसे ही तीन मैचों में सात अंक लेने वाला भारत क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर गया। इसी पूल में भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा कर पूरे तीन अंक हासिल कर लिए।

कल आयरलैंड के खिलाफ भारत के खेल में काफी सुधर नज़र आया। पहले दो मैचों में हमारी हॉफ लाइन हमलों और मिड फील्ड में सुस्त दिख रही थी पर कल मनप्रीत, हार्दिक, जर्मनप्रीत सभी ने मिड फील्ड को नियंत्रित किया और फॉरवर्ड लाइन को हमले बनाने में मदद की। हालांकि इस मैच में ऊंचे स्कूप कम लगे पर आयरलैंड की डी में स्टीक पासिंग हुई। कम से पांच मौकों पर हमारे फॉरवर्ड उनकी डी में लंबे पासों को नियंत्रित नहीं कर पाए वरना ये स्कोर लाइन कहीं बड़ी होती। तकनीकी तौर पर भारत अब अंतिम आठ में है। अपने पूल में बेल्जियम के बाद वह दूसरे नंबर पर है। कल बेल्जियम ने भी ऑस्ट्रेलिया को 6-2 के बड़े अंतर से परास्त कर पूरे अंक बटोरे। ऑस्ट्रेलिया तीसरे और अर्जेंटीना चौथे स्थान पर है। न्यूजीलैंड और आयरलैंड का कोई अंक नहीं है।
भारत के लिए दोनों गोल हरमनप्रीत ने किए। पहला पेनल्टी स्ट्रोक पर और दूसरा पेनल्टी कॉर्नर पर।इस मैच में भारत ने पेनल्टी कॉर्नर लेते हुए थोड़ा रणनीति को बदलने का भी प्रयास किया है। यहां पेनल्टी कॉर्नर का जो गोल आया उस समय आयरलैंड का एक ही फ्रंट रनर था।इस तरह तीन मैचों में भारत ने जो छह गोल किए उनमें से चार हरमनप्रीत के हैं। इस तरह वो इस ओलंपिक में सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। सभी टीमों को अभी दो दो मैच और खेलने हैं, पर भारत और बेल्जियम आगे निकल चुके हैं।

भारत की चिंता: क्वार्टर फाइनल में आने के बावजूद भारत की दो बड़ी चिंताएं हैं। पहली, भारत फील्ड गोल नहीं कर पा रहा। अभी तक हमारी टीम ने केवल एक फील्ड गोल किया है। दूसरी, गैर ज़रूरी पेनल्टी कॉर्नर देना। कल भी आयरलैंड को दो पेनल्टी कॉर्नर 23 मीटर में जानबूझ कर किए गए फाउल पर मिले। हमारी किस्मत अच्छी थी कि श्रीजेश ने सभी बचा लिए अन्यथा कुछ भी हो सकता था। फील्ड गोल किए बिना बड़ी टीमों के खिलाफ जीत नहीं मिल सकती। अगला मैच बेल्जियम के साथ है। भारत की असली परीक्षा वहां होगी। इसके बाद हमें अपना आखरी मैच ऑस्ट्रेलिया से होगा।

ओलंपिक हॉकी : भारत ने अंक बांटे, अर्जेंटीना से 1-1 की बराबरी

गलतियों में कोई सुधार नहीं

पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत ने किसी तरह अंतिम दो मिनट में गोल कर अपना सम्मान ही नहीं बचाया बल्कि पूरे भारत की उम्मीदों को बरकरार रखा। भारत का यह गोल 59 वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह की स्टिक से आया। दो मैचों और 12 पेनल्टी कॉर्नर मिलने के बाद यह पहला गोल था तो सीधे ड्रैग फ्लिक से हुआ।

भारत के लिए यह मैच जीतना  इसलिए भी ज़रूरी था क्योंकि उसे पूल के अंतिम दो मैच पिछले विजेता बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया के साथ खेलने हैं। पूल बी की छह टीमों में से ऊपर की चार टीमें क्वार्टर फ़ाइनल में प्रवेश करेंगी। टीमों की रैंकिंग और प्रदर्शन को देखते हुए बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया का नॉकआउट स्टेज पे जाना लगभग तय लग रहा है। तीसरी टीम भारत और चौथी टीम न्यूजीलैंड, आयरलैंड, या अर्जेंटीना में से एक होगी। अभी तक खेले मैचों में वो भारत नज़र नहीं आया जो पिछले ओलंपिक खेलों में था।

पेनल्टी कॉर्नर पर गोल नहीं : भारत ने पिछले ओलंपिक में लगभग 50 फीसद पेनल्टी कार्नर गोल में बदले थे, लेकिन इस बार बाकी टीमों ने भारत के पेनल्टी कॉर्नर की तकनीक समझ ली है। अगर अर्जेंटीना वाले मैच की बात करें तो उस टीम ने भांप लिया था की भारत कभी वेरिएशन नहीं करता और न ही ऊंचा स्कूप मारता है। हरमनप्रीत और साथी गोलकीपर के दाएं या फिर कभी बाएं हाथ की तरफ पुश करते हैं। हरमनप्रीत के पुश की गति इतनी तेज होती है की गोलकीपर उसक पूर्वानुमान लगाने के बावजूद उसे रोक नहीं पाता। इसलिए उन्हों ने एक की बजाए दो रक्षकों को आगे दौड़ने के काम पर लगाया और उनसे गोलपोस्ट का अपना बायां हिस्सा कवर करने को कहा, बाकी गोलकीपर ने सिर्फ अपना दांया भाग ही कवर करना होता था। क्योंकि भारत कोई वेरिएशन नहीं कर रहा था और न कोई स्कूप तो तो विपक्षी टीम का काम आसान हो गया। अगर आप ध्यान से देखेंगे तो जो गोल अंतिम मिनट में  भारत को मिला वह भी अर्जेंटीना के रक्षक के पैर से डिफ्लेक्ट हो कर ऊंची उठी गेंद पर आया। अर्जेंटीना का गोलरक्षक इसकी अपेक्षा नहीं कर रहा था।

दो फ्रंट रनर: जिस तरह टीमें दो रक्षकों को आगे दौड़ा कर पेनल्टी कॉर्नर बचाती हैं उसका लाभ भारत ले सकता है। असल में पेनल्टी कॉर्नर के समय गोलकीपर सहित कुल पांच रक्षक गोल लाइन पर होते हैं। इनमें से गोलकीपर और एक रक्षक तो गोलरेखा पर ही रहते हैं आगे नहीं आते। दो फ्रंट रनर हैं वे डी टॉप तक पहुंच जाते हैं इस तरह डी के भीतर केवल एक डिफेंडर रह जाता है। अगर फ्रंट रनर्स को चकमा दे कर गोलपोस्ट के बीचोबीच हिट, पुश या स्कूप किया जाए तो गोल निकालना आसान हो सकता है।

इसके अलावा भारत की चिंता का विषय यह भी है कि हमारी ओर से फील्ड गोल नहीं आ रहे। सही तो यह है कि जो चार गोल भारत ने इन दो मैचों में किए उनमें एक ही फील्ड गोल है। इनमें एक गोल पेनल्टी स्ट्रोक से, एक पेनल्टी कॉर्नर के रिबाउंड से और एक सीधा पेनल्टी कॉर्नर से आया है।

हमारी किस्मत ने भी कल हमारा का साथ दिया जो अर्जेंटीना अपना पेनल्टी स्ट्रोक गोल में नहीं बदल पाया अन्यथा मैच हाथ से निकल जाता।

आयरलैंड: आज शाम 04:45 पर भारत अपना तीसरा मैच आयरलैंड से खेलने वाला है। आयरलैंड को किसी भी तरह से कम करके नहीं आंका जा सकता। उसने अपने पिछले मैच में ऑस्ट्रेलिया को नाकों चने चवबा दिए। ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम उसे बड़ी मुश्किल से हरा पाई। स्कोर रहा 2-1। ऐसा नहीं की भारत में उसे आसानी से हराने की ताकत नहीं पर समय अनुसार अपने खेल को बदलने की ज़रूरत है। आयरलैंड का खेल देखने के बाद पता लगता है की वे लोग मजबूत रक्षण के साथ जवाबी हमलों में विश्वास रखते हैं। वे मैदान के बीच से किसी हमले को रोकने के लिए भीड़ सी लगा देते हैं। उस भीड़ को काटने का तरीका है कि भारत अपने दाएं और बाएं दोनों छोर का भरपूर इस्तेमाल करे और उनकी ‘डी’ के टॉप पर फॉरवर्ड अपने लिए थोड़ी जगह बना लें क्योंकि दोनों छोर से हुए हमलों के बाद आमतौर पर माइनस की गई गेंद उसी क्षेत्र में आती है। उनके खिलाफ पेनल्टी कॉर्नर भी अधिक मिलेंगे क्योंकि भीड़ भरी रक्षपंक्ति में इसकी संभावना अधिक रहती है।

मध्य पंक्ति: भारत की हाफ लाइन को हमलों में अधिक परिपक्वता दिखानी होगी। उनकी स्टीक पासिंग के बिना हमले नहीं बन सकते। हमलों और रक्षण दोनों में उसकी बड़ी भूमिका है।

अगर भारत अपनी पूरी रणनीति से हॉकी खेल गया तो आयरलैंड को आसानी से हरा सकता है। अभी तक हमारे फॉरवर्ड पेनल्टी कॉर्नर लेने के हिसाब से डी में प्रवेश करते हैं लेकिन उन्हें फील्ड गोल की तरफ जाना होगा। भारत का बड़ा हथियार उसकी हवा में की गई पासिंग है। उसका भरपूर इस्तेमाल करना होगा।

महिला एशिया कप : लचर गेंदबाजी भारत को ले डूबी

आखिर श्रीलंका ने पहली बार महिला एशिया कप अपने नाम करने में सफलता हासिल की। जिस तरह का फाइनल उसने भारत के खिलाफ खेला उसकी तारीफ की जानी चाहिए। उनकी कप्तान चमेरी अट्टापट्टू ने भारतीय गेंदबाजी को पूरी तरह से पंगु साबित कर दिया। भारत की किसी गेंदबाज को कुछ समझ नहीं आ रहा था। कोई योजना नहीं थी। गेंदबाजी के अलावा फील्डिंग भी निहायत खराब थी। आसान रन दिए गए, रनआउट के मौके छोड़े गए। श्रीलंका की बल्लेबाज शॉर्ट प्वाइंट, शॉर्ट कवर या शॉर्ट मिड ऑन से भी रन चुराती रहीं।

मैच में भारत की शुरुआत अच्छी थी। उस पिच पर जहां कोई समस्या नहीं थी भारत ने 165 का स्कोर खड़ा कर दिया था। हालांकि हालात के मुताबिक इस में 20-30 रन और जुड़ने चाहिए थे पर श्रीलंका के गेंदबाजों की अनुशासित गेंदबाजी और फील्डिंग के कारण ऐसा न हो सका। समृति मांधना के अलावा भारत की कोई बल्लेबाज अधिक प्रभावित नहीं कर पाई। देखा जाए तो इस पिच पर विकेट टू विकेट गेंदबाजी करने की ज़रूरत थी। शेफाली वर्मा ऐसी ही गेंदबाजी की शिकार हुई। 20-20 क्रिकेट में  यही गेंदबाजी सफल रही है। इस तरह की गेदों पर क्रॉस बेटेड शॉट हमेशां जोखिम भरे होते हैं। इन गेंदों को मारने के लिए सीधे बल्ले का इस्तेमाल करना पड़ता है। वक्त के साथ उन लोगों की यह गलतफहमी दूर हो जाएगी जो ये समझते हैं कि इस फॉर्मेट में क्रिकटिंग शॉट्स की ज़रूरत नहीं बस बल्ला घुमाते रहो।

हालांकि भारत का स्कोर थोड़ा कम था पर आराम से डिफेंड किया जा सकता था अगर गेंदबाजी अनुशासित की होती। चमेरी अट्टापट्टू को उसकी ऑफ स्टंप के बाहर छोटी लंबाई की गेंदें खिलाई जाती रही। कप्तान हरमनप्रीत ने कभी भी स्लिप में फिल्डर नहीं रखा जबकि चमेरी को चार पांच चौके उसी क्षेत्र से मिले। गेंद हवा में गई पर वहां कभी फिल्डर था ही नहीं। इसके अलावा उसके खिलाफ भारत की कोई योजना भी नहीं थी। पूजा  के पास बाउंसर का हथियार है पर उसका इस्तेमाल नहीं हुआ। रेणुका सिंह, जो की बहुत अच्छी इन स्विंग गेंद डालती है ने या तो बहुत छोटी या ओवर पिचड गेंदबाजी की। बाएं हाथ की चमेरी के खिलाफ रेणुका सबसे प्रभावी गेंदबाज हो सकती थी पर बिना स्लिप उसकी इन स्विंग जो कि चमेरी के लिए आउट सविंग पड़ रही थी किसी काम नहीं आई। चमेरी की पूरी पारी में केवल एक ही गेंद ऐसी पड़ी जिसकी लाइन और लेंथ बिलकुल सही थी और उसी पर वह बोल्ड हो गई। उसे पता ही नहीं चला की गेंद कब उसकी विकेट्स को ले उड़ी।

अब विश्व कप सामने है। उसे देखते हुए टीम की कमज़ोरियों को दूर करना ज़रूरी है। खास तौर से गेंदबाजी और फील्डिंग में सुधार की काफी गुंजाइश है। भारत की एक युवा प्रतिभाशाली टीम है इससे भविष्य में उम्मीदें करनी चाहिए।

दिल्ली शराब नीति मामला : मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 5 अगस्त को

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति और भ्रष्टाचार के मामले में आप नेता और दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पांच अगस्त तक कार्रवाई स्थगित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली आप नेता मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई पांच अगस्त तक स्थगित कर दी।

कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को एक अगस्त तक जवाब दाखिल करने का समय दिया। इस बीच, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने जवाब दाखिल कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के जवाब को रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया। कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के अनुसार, जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ 29 जुलाई को इस मामले में सुनवाई की। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर सीबीआई और ईडी को सिसोदिया की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा था।

सिसोदिया के वकील ने तर्क दिया कि वरिष्ठ आप नेता 16 महीने से जेल में हैं और केस आगे नहीं बढ़ रहा है। अक्टूबर 2023 से जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 30 अक्टूबर को अपने फैसले में सिसोदिया को जमानत देने से इन्कार कर दिया था।

पेरिस ओलंपिक 2024 में मनु भाकर ने रचा इतिहास, शूटिंग में भारत को ब्रांज मेडल

नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का खाता खुल चुका है। शूटिंग में मनु भाकर ने भारत को पहला पदक दिला दिया है। दूसरे दिन विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग के फाइनल में मनु ने तीसरा स्थान हासिल किया। मनु भाकर पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं, जिन्होंने ओलंपिक शूटिंग में भारत के लिए ब्रांज मेडल जीता।

फाइनल में मनु भाकर ने कुल 221.7 अंक हासिल किए। मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। 580 अंकों के साथ वह तीसरे स्थान पर रहीं। भाकर ने पहली सीरीज में 97, दूसरी में 97, तीसरी में 98, चौथी में 96, 5वीं में 96 और छठी में 96 अंक हासिल किए थे। फाइनल में मनु भाकर का सामना वियतनाम, तुर्किए, कोरिया, चीन, और हंगरी के खिलाड़ियों से हुआ।

मनु भाकर के मेडल जीतने पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, मनु भाकर को 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीतकर पेरिस ओलंपिक में देश के लिए पहला पदक हासिल करने पर बहुत बधाई। वह शूटिंग में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। मनु भाकर पर सारा देश गर्व कर रहा है। उनकी इस उपलब्धि से कई खिलाड़ियों, खासकर महिला खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। भविष्य में उनके और भी ऊंचाइयां छूने की कामना करती हूं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए मनु भाकर को बधाई दी, यह एक ऐतिहासिक मेडल है। मनु भाकर को पेरिस ओलंपिक में भारत का पहला मेडल जीतने पर बधाई। उन्होंने कांस्य पदक जीता। वह भारत के लिए शूटिंग में मेडल जीतने वाली पहली महिला हैं, इससे यह सफलता और खास बन जाती है। यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है।

भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया, पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतकर भारत को पहला पदक दिलाने के लिए मनु भाकर को हार्दिक बधाई। आपके शानदार प्रदर्शन ने पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ा दी है। आपकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है।

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, भारत ने पेरिस ओलंपिक में शानदार शुरुआत की है! मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर भारत को पहला पदक दिलाया है।

मनु की यह उपलब्धि उनके असाधारण कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। हम उन पर बेहद गर्व महसूस करते हैं! यह ऐतिहासिक क्षण अनगिनत युवा खिलाड़ियों को उत्कृष्टता की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, पेरिस ओलंपिक-2024 में आयोजित 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर मां भारती को गौरवभूषित करने वाली प्रख्यात निशानेबाज मनु भाकर जी को हार्दिक बधाई। उनकी यह जीत असंख्य युवाओं के लिए प्रेरणा है। विजय का यह क्रम अनवरत जारी रहे, स्वर्णिम भविष्य की अनंत शुभकामनाएं। जय हिंद!

मनु भाकर हरियाणा से आती हैं। नायब सिंह सैनी ने हरियाणा की बेटी मनु भाकर को ओलंपिक पदक जीतने पर बधाई दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, आखिरकार वो सपना सच हुआ, जिसकी उम्मीद पूरे देश को, हरियाणा की धाकड़ बेटी मनु भाकर से थी। महिला शूटर मनु भाकर ने पेरिस में अपना दम दिखा दिया है। मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर महिला एयर पिस्टल इवेंट में देश के लिए कांस्य पदक जीता।

उन्होंने कहा कि, 22 साल की मनु भाकर ने आज वो कर दिखाया है, जिस पर पूरे देश और हरियाणा प्रदेश को गर्व है। हर हरियाणवी का सीना आज गर्व से चौड़ा हो गया है। हरियाणा की दमदार और साहसी बेटी को बहुत-बहुत बधाई।

ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर मनु भाकर को भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ ने भी शुभकामनाएं दी। धनखड़ ने कहा किृ, मनु ने देश का नाम रोशन किया और पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए ओलंपिक की शुरुआत की है। अब मेडल की लंबी लाइन लगेगी क्योंकि देश के अन्य खिलाड़ियों से भी बड़ी उम्मीदे हैं।

हेमंत सोरेन की जमानत रद्द करने की ED की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

रांची : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से मिली जमानत को निरस्त करने की मांग वाली ईडी की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। शीर्ष कोर्ट ने सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सोरेन को हाईकोर्ट से मिली जमानत के आदेश में कोई त्रुटि नहीं है और इसमें हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने ईडी की याचिका को निष्पादित कर दिया है।

बता दें कि हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने 28 जून को हेमंत सोरेन को कुछ शर्तों के साथ रेगुलर बेल दी थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह पूरा मामला संभावनाओं पर आधारित है। इस केस में ईडी ने अब तक इस बात का कोई पक्का सबूत पेश नहीं किया है कि 8.86 एकड़ जमीन के कब्जे में हेमंत सोरेन की कोई सीधी भूमिका है। यह भी साबित नहीं होता कि इसकी आड़ में सोरेन ने कोई ‘अपराध’ किया है। एजेंसी ने हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए हेमंत सोरेन की जमानत रद्द करने की मांग की है।

हाई कोर्ट से जमानत के बाद हेमंत सोरेन 28 जून की शाम रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से बाहर आए थे और इसके बाद सातवें दिन उन्होंने एक बार फिर सीएम पद की शपथ ली थी। इसके पहले ईडी ने उन्हें 31 जनवरी को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। वे पांच महीने जेल में रहे। गिरफ्तारी के साथ ही उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।

हाइड्रोजन होगा रेलवे का भविष्य, इन्फ्रास्ट्रक्चर में होंगे ये बड़े बदलाव

नई दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से भारतीय रेलवे के कायाकल्प के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। इसमें सुरक्षा बढ़ाने के लिए कवच सिस्टम लगाने से लेकर नई टेक्नोलॉजी जैसे हाइड्रोजन भी शामिल है। रेलवे बोर्ड के सदस्य अनिल कुमार खंडेलवाल ने कहा कि भारत इस साल अपनी पहली हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन शुरू कर देगा और 2047 तक ऐसी ट्रेनों की संख्या बढ़कर 50 हो जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि रेलवे लगातार सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है। 16 जुलाई को कवच के चौथे वर्जन का अंतिम विनिर्देश कर लिया गया है। अब हम इसे पूरे देश में लागू करने जा रहे हैं। 1,400 किलोमीटर के ट्रैक पर काम पूरा हो चुका है। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा के 3,000 किलोमीटर के लिए बोलियां स्वीकार की जा रही हैं। बजट 2024-25 में रेलवे को 2,62,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें से करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये केवल सुरक्षा बढ़ाने के लिए उपयोग किए जाएंगे।

खंडेलवाल ने आगे कहा कि गति शक्ति के आने से काम की रफ्तार में इजाफा हुआ है। अब सालाना 70 से 80 प्रोजेक्ट अप्रूव किए जा रहे हैं, जिनकी संख्या पहले 7 से 8 थी। साथ ही बताया कि रेलवे प्रतिदिन 14.50 किलोमीटर ट्रैक का निर्माण कर रहा है। पिछले वर्ष 5,000 किलोमीटर के ट्रैक का निर्माण किया गया। उन्होंने बुलेट ट्रेन को लेकर कहा कि 2027 तक देश में पहली बुलेट ट्रेन देखने को मिल सकती है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा था कि पीएम मोदी ने रेलवे को 2 लाख 62 हजार करोड़ का बजट आवंटन दिया है। इसमें 1 लाख 8 हजार करोड़ रुपये सेफ्टी बढ़ाने के लिए है। पीएम मोदी ने 10 वर्षों में रेलवे को मजबूत करने के हर तरीके पर ध्यान दिया है। 2014 के पहले 60 साल देखें तो 20,000 किलोमीटर रेलवे का विद्युतीकरण हुआ था। 10 सालों में 40,000 किलोमीटर रेलवे विद्युतीकरण हुआ है। 2014 में नए ट्रैक 3 से 4 किलोमीटर एक दिन में बनते थे। पिछले वर्ष 14.50 किलोमीटर प्रतिदिन, पूरे साल में 5,300 किलोमीटर नए ट्रैक बने हैं।

शेयर बाजार ऑल टाइम हाई पर खुला सेंसेक्स 366 अंक चढ़ा ; निफ्टी पहली बार 24,900 के पार

मुंबई : भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। बाजार के सभी सूचकांकों में बढ़त बनी हुई है। सत्र की शुरुआत में ही निफ्टी ने 24,980 का नया ऑल टाइम हाई बनाया। सुबह 9:20 तक, सेंसेक्स 366 अंक या 0.45 प्रतिशत बढ़कर 81,657 और निफ्टी 89 अंक या 0.36 प्रतिशत बढ़कर 24,924 अंक पर था। छोटे और मझोले शेयरों में तेजी का ट्रेंड देखने को मिल रहा है।

निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 376 अंक या 0.65 प्रतिशत बढ़कर 58,144 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 210 अंक या 1.72 प्रतिशत बढ़कर 19,064 पर बना हुआ है। ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फिन सर्विस, रियल्टी और मेटल सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स हैं। वहीं, फार्मा और रियल्टी में दबाव के साथ कोरबार हो रहा है।

बैंकिंग शेयर बाजार का नेतृत्व कर रहे हैं। निफ्टी बैंक 512 अंक या एक प्रतिशत की बढ़त के साथ 51,808 पर है। सेंसेक्स पैक में एनटीपीसी, एसबीआई, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी, इन्फोसिस और मारुति सुजुकी टॉप गेनर्स हैं। टाइटन, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, आईटीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचयूएल और एमएंडएम टॉप लूजर्स हैं।

चॉइस ब्रोकिंग में रिसर्च एनालिस्ट देवेन मेहता का कहना है कि शुक्रवार के सत्र में बाजार ने ब्रेकआउट दिया था। इस कारण से सोमवार का बाजार सकारात्मक रह सकता है। निफ्टी के लिए 24,900, 24,850 और फिर 24,800 एक सपोर्ट के रूप में काम करेंगे। वहीं, 25,000 एक रुकावट का स्तर है। अगर यह पार हो जाता है तो 25,100 और 25,200 भी देखने को मिल सकते हैं।

सांसद अमृतपाल सिंह को जेल में रखना भी इमरजेंसी : चरणजीत सिंह चन्नी

नई दिल्ली : लोकसभा में सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू के बीच हुई बहस से सदन का माहौल काफी तनावपूर्ण रहा। वहीं इस बीच सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने संसद में सिद्धू मूसेवाला को इंसाफ और अमृतपाल सिंह का मुद्दा भी उठाया। चरणजीत सिंह चन्नी ने अमृतपाल सिंह की रिहाई की मांग करते हुए कहा, ‘पंजाब के लोगों ने उसे अपना नेता चुनकर संसद भेजा है लेकिन उसे जेल में डाल दिया गया है।
 
सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख और खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह पर कहा कि वह कहते हैं, वे हर दिन आपातकाल के बारे में बोलते हैं। लेकिन आज देश में अघोषित आपातकाल के बारे में क्या? यह भी आपातकाल है कि पंजाब में 20 लाख लोगों द्वारा एक सांसद के रूप में चुना गया व्यक्ति एनएसए के तहत सलाखों के पीछे है। वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के विचारों को यहां प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं। इसी के साथ चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि आज तक दिवंगत सिंगर सिद्धू मूसेवाला के परिजन इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। यह भी इमरजेंसी है।

उन्होंने लोकसभा में कहा कि मैं जब चुनाव जीतकर आया तो सबसे पहले मैंने अम्बेडकर साहब की मूर्ति पर नमन करना चाहा, मैं वहां गया तो वहां मूर्ति नहीं थी। वहां से प्रतिमा को हटाकर पीछे कर कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि पर वे समझ लें कि अंबेडकर साहब की मूर्ति पीछे की जा सकती है, उनकी सोच नहीं। उन्होंने कहा कि वे लोग संविधान नहीं बदल सकते और यह बात लोगों ने उन्हें बता दी है।

इसके साथ सांसद चन्नी ने कहा कि 22 तारीख को बजट पेश हुआ। मैं बड़ा खुश हुआ पहली बार सदन में नए कपड़े पहनकर आया। उन्होंने कहा कि मैंने सोचा पंजाब में सभी सासंदों को बताऊंगा कि पंजाब को क्या-क्या मिला। लेकिन पंजाब को कुछ नहीं मिला। पंजाब के साथ फेयर डिस्ट्रिब्यूशन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह सरकार देश के नागरिकों को एकसमान दृष्टि से नहीं देखती। क्योंकि सरकार ने राजनीति वाला चश्मा लगाया हुआ है।