“मुझे हिटलर का तरीका पसंद हैं”

उच्च न्यायालय द्वारा हिंसा न करने के आदेश के बावजूद आपके कार्यकर्ताओं ने मनोहर जोशी के तकनीकी संस्थान पर हमला किया।

मैंने आदेश को एक दिन बाद पढ़ा। ऐसा नहीं है कि मैं क़ानून का अपमान कर रहा हूं। पूरे राज्य में जोशी कई संस्थान चलाते हैं, अगर मैं चाहता तो हम इनमें से कइयों में परेशानी खड़ी कर सकते थे. 

आपको साइनबोर्ड मराठी में न होने से परेशानी थी और अब आपको उसकी लिखावट से भी परेशानी हो रही है।

अगर आप दिशा निर्देशों को पढ़ें, तो इसमें लिखा है कि दुकानदारों को साइनबोर्ड मराठी में लगाने चाहिए। क़ानून का पालन किया जाना चाहिए।

बालासाहेब के साथ आपके कैसे संबंध हैं? उन्होंने सामना में आपकी निंदा की है।

किसी ने उन्हें ये बयान देते हुए देखा है? कोई ये भी नहीं जानता कि वो अख़बार में लिख भी रहे हैं या दूसरे लोग ऐसा करते हैं।

एमएनएस की स्थापना के वक्त आपने कहा था कि आपकी पार्टी सबकी भागीदारी वाली पार्टी होगी, लेकिन ये तो शिवसेना की ही कॉपी नज़र आती है।

महाराष्ट्र के लोगों की बेहतरी के लिए जो भी होना चाहिए मैं कर रहा हूं। मैं बाहरी लोगों को इनके अधिकार नहीं हड़पने दूंगा।

रोज़गार और महिलाओं की सुरक्षा के आपके वादों का क्या हुआ?

मैंने काफी कुछ किया है, लेकिन मीडिया ने उसे नज़रअंदाज कर दिया। मगर जब भी मैंने उत्तर भारतीयों के बारे में कुछ कहा तो वे चिल्लाने लगे।  

क्या आप संकीर्ण राजनीति नहीं कर रहे हैं?

आपने कभी भी मोदी और करुणानिधि की राजनीति पर सवाल खड़े नहीं किए लेकिन मुझे खलनायक साबित करने के लिए सभी कमर कसे हुए हैं।

आप हमेशा मीडिया से नाराज़ क्यों रहते हैं?

क्योंकि यूपी और बिहार के नेताओं के साथ इनका साझा एजेंडा है। वो अपने व्यापारिक हितों के लिए इस शहर पर कब्जा करना चाहते हैं और मैं इसके खिलाफ हूं। वो मुझे ख़तरे के रूप में देखते हैं क्योंकि मैं महाराष्ट्रवासियों की भलाई के लिए काम कर रहा हूं।

आप एक ही देश के नागरिकों को उनकी मनचाही जगह पर आजीविका अर्जित करने से रोक रहे हैं।

क्या वो अपने राज्य में हमारे लोगों को जीवनयापन की अनुमति देते हैं? उनके यहां नियम है कि उनके निवासियों को काम मिलने के बाद ही बाहर के लोगों को अनुमति दी जा सकती है। तो फिर हम क्यों दूसरों को अपनी कीमत पर यहां आने और फलने-फूलने दें?

आप हिटलर के प्रशंसक हैं। उनकी कौन सी चीज़ आपको अच्छी लगती है।

मुझे उनकी संगठनात्मक कुशलता पसंद है, जिस तरह से उन्होंने विकास के कामों को अंजाम दिया।

आप सभी क्षेत्रों में आरक्षण की बात करते हैं। तो फिर दूसरे राज्यों के लोग कैसे यहां काम करेंगे और अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचाएंगे? विलासराव देशमुख ने रतन टाटा को नैनो कारखाना लगाने के लिए आमंत्रित किया है। क्या ये आपको स्वीकार्य होगा?

बिल्कुल, क्यों नहीं? उन्हें आना चाहिए और राज्य की समृद्धि में योगदान देना चाहिए।

रतन टाटा महाराष्ट्र के नहीं हैं मगर उन्होंने राज्य के लिए बहुत कुछ किया है।

मैं हरेक के खिलाफ नहीं हूंमैं उत्तर भरातीयों के खिलाफ भी नहीं हूं। मैं सिर्फ उन लोगों के खिलाफ हूं जो यूपी बिहार से यहां अपना एजेंडा लेकर आते हैं। बाहरी लोग यहां क्यों आते हैं और रेलवे की उन नौकरियों के लिए परीक्षा देते हैं जिन पर स्थानीय लोगों का पहला हक बनता है?

क्या तमाम दूसरे क्षेत्रों की तरह इसमें भी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा नहीं होना चाहिए? सबको किस्मत आजमाने दीजिए जो बेहतर होगा वो नौकरी पाएगा।

बेहतर! महाराष्ट्रवासियों से बेहतर!  मैं अब कोई इंटरव्यू नहीं करना चाहता…(कमरे से बाहर चले जाते हैं).