असम के होजाई ज़िले में 20 दिसंबर की तड़के एक दर्दनाक हादसे में राजधानी एक्सप्रेस से टकराकर 7 हाथियों की मौत हो गई, जबकि एक हाथी गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के बाद ट्रेन का इंजन समेत पाँच डिब्बे पटरी से उतर गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह दुर्घटना नागांव ज़िले के पास रेलवे ट्रैक पर उस समय हुई जब हाथियों का एक झुंड ट्रैक पार कर रहा था। ट्रेन नई दिल्ली से गुवाहाटी जा रही थी और तेज़ रफ्तार के कारण समय रहते नहीं रुक सकी। लोको पायलट द्वारा आपातकालीन ब्रेक लगाए जाने के बावजूद टक्कर टाली नहीं जा सकी।
वन विभाग के अनुसार, मृत हाथी एक बड़े झुंड का हिस्सा थे जो रात के समय भोजन और पानी की तलाश में इस क्षेत्र से गुजर रहे थे। यह इलाका हाथियों के पारंपरिक प्रवास मार्ग के रूप में जाना जाता है।
असम के वन मंत्री प्रफुल्ल कुमार महंता ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह हादसा वन्यजीवों और बढ़ते बुनियादी ढाँचे के बीच बढ़ते संघर्ष को दर्शाता है। उन्होंने वन्यजीव गलियारों की सुरक्षा और रेल मार्गों पर विशेष सतर्कता की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
इस घटना के बाद पर्यावरणविदों और वन्यजीव संरक्षण संगठनों ने रेलवे मार्गों पर सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की मांग की है। विशेषज्ञों का कहना है कि संवेदनशील इलाकों में ट्रेन की गति सीमा तय करना और चेतावनी प्रणालियाँ लगाना आवश्यक है।
असम वन विभाग ने मामले की जाँच के आदेश दे दिए हैं और यह देखा जा रहा है कि क्या ट्रेन निर्धारित गति सीमा के भीतर चल रही थी। विभाग ने हाथियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ट्रैकों के पास चेतावनी बोर्ड लगाने और प्रवास मार्गों पर निगरानी बढ़ाने की बात कही है।
रेलवे अधिकारियों ने भी घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
गौरतलब है कि असम में लगभग 5,000 जंगली हाथी पाए जाते हैं, लेकिन आवास ह्रास और मानव–वन्यजीव संघर्ष के कारण उनकी संख्या लगातार खतरे में है। यह हादसा राज्य में वन्यजीव संरक्षण को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।




