नवंबर 2019 में पूरी दुनिया गुरु नानक की 550वीं जयंती मनाएगी। पंजाब में सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक देव की 550वीं प्रकाश पर्व के जश्न के लिए साल भर की तैयारी की। लोगों से आह्वान किया कि वे अपनी सरकार में शामिल होने के लिए अपने धार्मिक और राजनीतिक मतभेदों को एक यादगार घटना बनाने के लिए अलग रखें। जहाँ नानक देव ने अपने प्रारम्भिक जीवन के 14 साल बिताए, लोगों को अपनी शिक्षाओं, सिद्धांतों और आदर्शों के साथ फिर से जुडऩे के लिए प्रेरित किया।
कैप्टन ने समारोह के सम्बन्ध में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को राज्य सरकार के विभिन्न अनुरोधों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने पंजाब के गुरदासपुर िज़ले से करतारपुर साहिब कॉरिडोर को विकसित करने के केन्द्र के फैसले की सराहना की, ताकि भारतीय तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने की सुविधा मिल सके।
उन्होंने इस मुद्दे पर पलटवार करने के लिए पाकिस्तान सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी सरकार परियोजना में समय पर पूरा होने के लिए आवश्यक योगदान देगी। सभा को सम्बोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमरिंदर सिंह और उनकी सरकार का आभार व्यक्त किया और उन्हें इस विशेष क्षण का हिस्सा बनने का अवसर दिया।
पूर्व प्रधानमंत्री ने लोगों को जाति, रंग, पंथ और धर्म की परवाह किए बिना पूरे उत्साह और उल्लास के साथ साल भर चलने वाले समारोहों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। दुनिया भर के 100 गुरुद्वारों से संबंधित एक किताब प्रस्तुत करते करेंगे।
गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर 9 और 12 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर से गुरु द्वारा साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं का शुल्क नहीं देना होगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसकी घोषणा की है।
गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर साहिब (पाकिस्तान) के लिए भारत में सिखों के लिए मुफ्त यात्रा का प्रबन्ध किया जा रहा है। सिख गुरु द्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा सिखों के लिए मुफ्त यात्रा का प्रबंध कर रही है। भारत से यात्रा की मंजूरी मिलने के बाद श्रद्धालुओं को करतारपुर जाने के लिए 20 डॉलर यानी करीब 1400 रुपये का शुल्क देना होगा। यह शुल्क पाकिस्तान ने तय किया है। करतारपुर का कॉरिडोर साल भर खुला रहेगा। श्रद्धालु कभी भी दर्शन करने की अनुमति और शुल्क लेकर करतारपुर जा सकते हैं।
इस मौके पर दिल्ली सिख गुरु द्वारा प्रबंधक कमेटी ने 10 स्पेशल ट्रेनों की बोगियों को सजाकर गुरु साहिब का संदेश देगी और विशाल बाइक रैली भी निकाली जाएगी। इसमें राइडर्स के लिए पूरा ड्रेस कोड दिया जाएगा और निशान साहिब लगाया जाएगा।
करतारपुर साहिब जाने के लिए उम्र की शर्त रखी गई है, जो कि 13 साल से 75 साल तक के श्रद्धालु पवित्र यात्रा पर जा सकते हैं। किसी भी धार्मिक मान्यता रखने वाला भारतीय नागरिक पाकिस्तान के करतारपुर साहिब जा सकता है। लेकिन खास शर्त यह है कि अगर वो कॉरिडोर से गए, तो फिर करतारपुर साहिब से आगे नहीं जा सकेंगे। इसके अलावा श्रद्धालुओं को उसी दिन शाम को वापस आना होगा। श्रद्धालु अपने साथ 7 किला से ज्य़ादा वजन का सामान नहीं ले जा सकते हैं। यात्रा के दौरान 11,000 रु पये से ज्य़ादा की भारतीय करंसी भी अपने पास नहीं रख सकते हैं।
भारत के हर प्रदेश से श्रद्धालु जा रहे हैं और वहाँ के गुरु द्वारा प्रबंधक करतारपुर साहिब की यात्रा की हर तरह से ट्रेन, बसों और बाईक का सजा कर भेजने का प्रबंधक कर रही है। इस मौके पर गुरु साहिब के 550वें प्रकाश पर्व पर एक सिक्का भी जारी किया जा रहा है।