कोई भी तीन सौ से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी सरकार से मंजूरी लिए बिना कर्मियों की जब चाहे छंटनी कर सकेगी। श्रम मंत्रालय ने इसके लिए नियमों में बदलाव वाला औद्योगिक संबंध संहिता-2020 विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया है।
श्रममंत्री संतोष गंगवार ने कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के विरोध के बीच पिछले साल पेश विधेयकों को वापस लेते हुए व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य परिस्थिति संहिता-2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020 भी लोकसभा में पेश किए। गंगवार के मुताबिक, 29 से ज्यादा श्रम कानूनों को चार संहिता में शामिल किया गया है। उन्होंने दावा किया कि विभिन्न हितधारकों से विधेयकों को लेकर लंबी चर्चा की और करीब छह हजार से ज्यादा सुझाव मिले। इन विधेयकों को स्थायी समिति के पास भेजा था और 233 सिफारिशों में से 174 को स्वीकार किया गया है। औद्योगिक संबंध संहिता-2020 के छंटनी वाले प्रावधान पर श्रम मंत्रालय और कर्मचारी संगठनों के बीच गंभीर मतभेद की बात स्वीकारी। संगठनों के भारी विरोध के चलते 2019 के विधेयक में यह प्रावधान नहीं था।
अबागी क्या है प्रावधान
100 से कम कर्मचारी वाले औद्योगिक प्रतिष्ठान या संस्थान ही पूर्व सरकारी मंजूरी के बिना कर्मचारियों को रख और हटा सकते हैं।
विपक्ष ने कहा-पहले संगठनों से चर्चा होनी चाहिए थी
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी और शशि थरूर ने विधेयक का विरोध किया। मनीष तिवारी ने कहा, ये विधेयक लाने से पहले श्रमिक संगठनों और संबंधित पक्षों से चर्चा करनी चाहिए थी। श्रमिकों से जुड़े कई कानून अभी भी इसके दायरे में नहीं हैं। लिहाजा आपत्तियों को दूर करने के बाद इन्हें लाया जाए। थरूर ने कहा, विधेयकों को नियमों के तहत पेश करने से दो दिन पहले सदस्यों को देना चाहिए था।