होली का पर्व खुशियों और रंगों का त्यौहार है। होली खेलते समय कैमिकल रंगो से बचने के लिये अपनी त्वचा और आँखों का विशेष ध्यान रखें। अन्यथा ये कैमिकल युक्त रंग आपके स्वास्थ्य के लिये घातक हो सकते है।
एम्स के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ जयदीप का कहना है कि होली पर लोग नशा (भांग) का सेवन करते है। उस दौरान लोग होली के रंग में इस कदर मस्त होते है। कि उनको ये भी पता नहीं होता है कि कैमिकल युक्त रंग उनकी आँखों में जा रहा है या चोटिल शरीर के हिस्से में कहीं रंग लग रहा है।जिससे उनको काफी नुकसान होता है। डॉ जयदीप का कहना है कि होली के पर्व पर हुडदंग न मचाये बल्कि गुलाल लगाकर होली मनाये।
नैत्र रोग विशेषज्ञ डॉ जतिन वर्मा का कहना है कि अगर आंकडों पर गौर किया जाये जो कोरोना काल के पहले के है। तो उससे ये पता चलता है कि होली खेलते समय कैमिकल युक्त रंग का आँखों में जाने से आँखों में लालिमा, सूजन और संक्रमण के मामलें सबसे ज्यादा सामने आये है। कई लोगों को तो आँखों के माइनर ऑपरेशन तक हुये है। ऐसे में बचाव के तौर पर हमें सावधान रहना चाहिये। डॉ जतिन का कहना है कि होली के दौरान कुछ लोग गुब्बारे में पानी भर कर फेंकते जो आँखों से साथ सिर पर लग सकता है। ऐसे में हमें बचना चाहिये।
बताते चलें होली का पर्व वर्ष-वर्ष का पर्व है। सो बच्चों से लेकर युवा और महिलायें इस पर्व को बढ़े हर्षोल्लास के साथ मनाते है। हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ आर एन कालरा का कहना है कि हार्ट रोगी भांग का सेवन न करें क्योंकि भांग के सेवन से उनका उच्च रक्त चाप बढ़ जाता है। जिससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है।