अमेरिका के राष्ट्रपति के भारत दौरे के बीच दिल्ली में हिंसा की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गयी है। नागरिकता क़ानून विरोधी हिंसा की हालत यह है कि अब तक ७ लोगों की मौत हो चुकी है, ४० के करीब पुलिस कर्मी घायल हुए हैं जबकि ५० से ज्यादा नागरिक अस्पतालों में पड़े हैं। बड़े पैमाने पर संपत्ति को जलाया गया है। नार्थईस्ट दिल्ली में धारा १४४ जारी है और वहां तमाम स्कूलों बंद कर दिए गए हैं। हालात को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।
अब तक की ख़बरों के मुताबिक उत्तर पूर्वी दिल्ली के पूरे इलाके में धारा १४४ लागू की गयी है और आज इलाके के सभी स्कूल बंद रखे गए हैं। वहां मेट्रो भी बंद पड़ी है। बड़े पैमाने पर संपत्ति जला दी गयी है और एक तरह से केंद्र सरकार की नाक के नीचे क़ानून व्यवस्था का दिवाला पिट गया है। इन ७ लोगों की मौत हुई है, उनमें एक हेड कॉन्स्टेबल भी शामिल है।
एहिताहतन जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी एन्क्लेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है। पूरे इलाके में धारा १४४ लागू कर दी गई है। साथ ही नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के सभी स्कूल आज बंद है। पूरे इलाके में पुलिस फोर्स की भारी तैनाती की गई है। दिल्ली से सटे दूसरे राज्यों को हाई अलर्ट कर दिया गया है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में अब हालात बहुत खतरनाक स्थिति तक पहुँच गए हैं। वहां सोमवार को जमकर हिंसा हुई और आज (मंगलवार) को भी मौजपुर और ब्रह्मपुरी इलाके में पत्थरबाजी शुरू हुई है। दिल्ली हिंसा में अबतक ७ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि ९० से ज्यादा लोग घायल हैं। आज सुबह पांच मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया गया जिसके बाद बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात की गयी है।
दिल्ली के भजनपुरा इलाके के नॉर्थ घोंडा कब्रिस्तान के पास मंगलवार सुबह फायरिंग हुई जिसमें एक नाबालिग के हाथ में गोली लगी है। घायल को पास के जग प्रवेश अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी आपात बैठक बुलाई जिसके बाद सीएम ने कहा कि ”पुलिस को ऊपर से कार्रवाई का आदेश नहीं है, इसलिए वह उचित कार्रवाई नहीं कर पा रही है। सीमाई इलाकों से लोग दिल्ली आ रहे हैं और हिंसा कर रहे हैं। हमने बॉर्डर को सील करने और उपद्रवियों पर कार्रवाई की मांग की है।”
उधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक शुरू की है जिसमें सीएम केजरीवाल भी शामिल हुए हैं। इस बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल के अलावा सभी पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हैं।