सरकार की तरफ़ से महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा मणिपुर पर दिए गए बयान के बाद शनिवार को कांग्रेस की राज्य सभा सांसद रंजीत रंजन ने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से संसद में चर्चा की मांग की है।
हिंसाग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में 4 मई की इस घटना ने देश भर में गुस्सा भर दिया है। इससे पहले कांग्रेस ने इस शर्मनाक घटना पर इसकी जिम्मेवारी लेते हुए पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मंत्री स्मृति ईरानी को इस्तीफा दे की भी मांग की है।
रंजीत रंजन ने कहा कि, “जब भी सरकार डरती हैं व इन्हे लगता है इनका फेल्योर है तो अपने मंत्रियों को बिलों से निकाल है। ये सरकार भगौड़ा सरकार है जो विपक्ष से, सदन में आने से, सदन में विपक्ष के प्रश्नों से डरती है और भगोड़ों की तरह भागती है। हमारा सिंपल था और सिंपल सी मांग है की प्रधानमन्त्री सदन में आए और फर्स्ट आइटम 267 राज्यसभा और एडजाउन्ड मोशन लोकसभा में चर्चा करना चाहते हैं। हम चाहते है मणिपुर में पिछले 83 दिनो से चल रही हिंसा पर सदन में पीएम और गृह मंत्री जवाब दे।”
रंजन ने आगे कहा कि, “हम जानना चाहते है कि क्या आपकी खुफिया एजेंसियों, राज्य के मुख्यमंत्री, पीएम, और गृह मंत्री को मणिपुर में चल रही हिंसा की जानकारी नहीं थी? हिंसा की जानकारी क्यों छिपाई गई? मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह का कहना है कि जो दुर्व्यवहार उन दो महिलाओं के साथ हुआ है मास के नोचने जैसे रक्षसो सा सलूक उनके साथ हुआ है और खुद राज्य के मुख्यमंत्री कह रहे है कि राज्य में ऐसे 100 और केस होंगे। क्या इसकी जानकारी प्रधानमन्त्री को नहीं थी ? हमारी सिंपल सी डिमांड है की ये लगातार-लगातार सिर्फ राजनीतिक है।
जब पीएम से सदन के बाहर बयान दिया तो उसमे पहले राजस्थान की बात फिर छत्तीसगढ की बात, क्या वे आसानी से नही कह सकते थे कि हम महिलाओं के साथ हैं और को मणिपुर में हुआ उसका जवाब देने के लिए मैं सदन के भीतर तैयार हूं।”
राज्यसभा सांसद रंजन ने महिला एवं बाल विकास मंत्री को घेरते हुए कहा कि, “हम कहना चाहते है कि हम भी यही कह रहे है कि ये वियतनाम का बॉर्डर इलाका है और यहां से ड्रग्स की स्मगलिंग होती है ये अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा का मामला हैं। बॉर्डर एरिया में पिछले 90 दिनों से हिंसा हो रही है तो क्या सदन में पीएम को इसका जवाब नही देना चाहिए? आपकी सरकार भगोड़ों की तरह क्यों भाग रही है? और यदि मंत्रियों को बोलना है तो सदन के भीतर बोले बाहर नहीं। जिस पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं है तो ऐसी पार्टी से महिला बाल विकास मंत्री को भी इस्तीफा दे देना चाहिए।”
बता दें, कुकी महिलाओं से जुड़ी यह घटना 4 मई की कांगपोकपी जिले में बी फीनोम गांव की है। एक पीड़ित महिला के मुताबिक उन्होंने सुना कि मैतेई भीड़ पास के गांव में घरों को जला रही है, तो उनका परिवार और अन्य लोग गंदगी वाली गली से भाग निकले। लेकिन भीड़ ने उन्हें ढूंढ़ लिया।