एक महत्वपूर्ण बयान में तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने रविवार को कहा कि वे चीन से आज़ादी की मांग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने चीन से बातचीत की इच्छा भी जताई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि तिब्बत सांस्कृतिक रूप से चीन से अलग है। याद रहे हाल के सालों में दलाई लामा चीन का हिस्सा बने रहते हुए तिब्बत के लिए स्वायत्तता की मांग करते रहे हैं।
दलाई लामा ने चीन को लेकर यह बयान कांगड़ा एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में दिया। उन्होंने कहा – ‘चीन बदल रहा है और उसे अब यह अहसास हो चुका है कि तिब्बत के लोग बहुत शक्तिशाली हैं। तिब्बत की समस्या से निपटने के लिए वह (चीन) मुझसे संपर्क करना चाहते हैं और मैं भी बिल्कुल तैयार हूं।’
तिब्बती धार्मिक नेता ने कहा कि ‘मैं चीन के साथ बातचीत के लिए हमेशा तैयार हूं और वर्षों पहले यह स्पष्ट कर चुका हूं कि हम पूर्ण आजादी नहीं मांग रहे हैं। हम चीन गणराज्य का हिस्सा रहेंगे। मैं चीन के साथ बातचीत के लिए हमेशा तैयार हूं और कई साल पहले यह स्पष्ट कर चुका हूं कि हम पूर्ण स्वतंत्रता की मांग नहीं कर रहे हैं और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) का हिस्सा बने रहेंगे।’
उन्होंने कहा – ‘यह जीवन जो मेरे पास है उसे मैं अपनी सर्वोत्तम क्षमता से असीमित संवेदनशील प्राणियों की मदद करने के लिए समर्पित करता हूं, मैं दूसरों को जितना हो सके उतना लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’