राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को नागपुर में वरिष्ठ नागरिकों की एक सभा में कहा कि, “हमारी संस्कृति की जड़ें सत्य पर आधारित है, हालांकि इस संस्कृति को उखाड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।”
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि, “सांसारिक सुखों की ओर यह झुकाव सीमा पार कर चुका हैं। कुछ लोग अपने स्वार्थ के कारण सांसारिक सुखों की पूर्ति की इस प्रवृत्ति को सही ठहराने का प्रयास करते हैं। इसे ही आज सांस्कृतिक मार्क्सवाद कहा जाता है।”
भागवत ने कहा कि, “ये लोग ऐसी अनैतिकता को अच्छा नाम देकर उसका समर्थन करते हैं वे ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि समाज में ऐसी अराजकता से उन्हें मदद मिलती है और वे अपना वर्चस्व स्थापित कर सकते हैं।”