सर्वोच्च न्यायालय के मंगलवार को तीन कृषि कानूनों पर अगले आदेश तक रोक के फैसले के बाद पहली प्रतिक्रिया में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने साफ़ किया है कि किसानों की मांग तीनों कानूनों को रद्द करने की है और वो इससे कम में कुछ नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा। टिकैत ने कहा कि हमारी मांग कमिटी बनाने की नहीं थी।
टिकैत ने अब से कुछ देर पहले कहा कि माननीय सुप्रीमकोर्ट ने किसानों के प्रति जो सकारात्मक रुख दिखाया है, उसके लिये हम सर्वोच्च अदालत का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग कानून को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की है। जब तक यह मांग पूरी नही होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
टिकैत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का परीक्षण कर कल संयुक्त मोर्चा आगे की रणनीति की घोषणा करेगा। टिकैत ने कहा कि हमारी मांग कमिटी बनाने की नहीं थी। उन्होंने कहा कि हम कमिटी के पास संभवता नहीं जायेंगे।
उधर सिंघू बार्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की कानूनों पर रोक का कोई फायदा नहीं है क्योंकि यह सरकार का एक तरीका है कि हमारा आंदोलन बंद हो जाए। यह सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है यह सरकार का काम था, संसद का काम था और संसद इसे वापस ले। जब तक संसद में ये वापस नहीं होंगे हमारा संघर्ष जारी रहेगा।