प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रहित और देशहित हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने चीन के साथ हाल की झड़प के बाद सर्वदलीय बैठक में कहा कि हमारी कोई पोस्ट किसी के कब्जे में नहीं है। देश की तरफ आंख उठाने वालों को सबक सिखाया गया है।
इससे पहले सर्वदलीय बैठक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि इस मामले में पूरा देश सरकार के साथ के साथ है और दुश्मन को पूरा सबक सिखाया जाना चाहिए और कांग्रेस सरकार का समर्थन करती है। सोनिया गांधी ने मोदी से सवाल पूछे और पूरी स्थिति के बारे में देश को बताने को कहा।
पीएम ने कहा कि डिप्लोमैटिक स्तर पर भी बातचीत चल रही है। मोदी ने कहा – ”हम शांति चाहते हैं। लेकिन राष्ट्र की कीमत पर नहीं”। चीन के खिलाफ कांग्रेस समेत देश के सभी राजनीतिक दल ठोस कार्रवाई के समर्थन में बोले। पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक में सभी दलों के नेताओं ने एक सुर में सरकार का समर्थन किया और कहा कि चीन की धोखेबाजी और बर्बरतापूर्ण कार्रवाई से देशभर में गुस्सा है।
मोदी की बुलाई सर्वदलीय बैठक में सबसे पहले उन २० भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई जो १५ जून को पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हो गए थे। सभी ने शहीद जवानों के सम्मान में खड़े होकर कुछ देर मौन रखा।
शुरुआत जयशंकर ने की और टकराव के बारे में बताया। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, टीआरएस नेता के चंद्रशेखर राव, जद(यू) नेता नीतीश कुमार, द्रमुक के एमके स्टालिन, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वाईएस जगन मोहन रेड्डी और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए।
वर्चुअल बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा – ”हम सरकार से यह स्पष्ट आश्वासन चाहेंगे कि पूरे सीमा क्षेत्र में पहले की यथा स्थिति हर हालत में सुनिश्चित होगी। चीन पहले की तरह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पुरानी स्थिति में अपनी सेना की वापसी करेगा। ये बातें उन्होंने सर्वदलीय बैठक में अपने वक्तव्य की शुरुआत करते हुए कहीं।” उन्होंने कहा कि वास्तव में, इतना समय गुजर जाने के बाद भी इस संकट के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में हमें अंधेरे में रखा गया है।
सोनिया गांधी ने कहा – ”मेरे विचार से यह बैठक सरकार को लद्दाख और अन्य जगहों पर चीनी घुसपैठ की 5 मई, 2020 को खबरें मिलने के फौरन बाद बुलानी चाहिए थी। हमेशा की तरह पूरा देश एक चट्टान की तरह साथ खड़ा होता और देश की सीमाओं की अखंडता की रक्षा के लिए सरकार के उठाए गए कदम में अपना पूरा सहयोग देता। खेद इस बात का है कि ऐसा नहीं हुआ।”
टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस मामले को लेकर सर्वदलीय बैठक से देश में सकारात्मक और मजबूत संदेश जाएगा। यह संदेश देगा कि पूरा देश सेना के जवानों के साथ एकजुट होकर खड़ा है। उन्होंने कहा कि चीन में लोकतंत्र नहीं है और भारत एक लोकतांत्रिक देश है। चीन जो चाहे, वह कर सकता है क्योंकि वहां तानाशाही है। हमारे देश में लोकतंत्र है और यहां सारा काम मिलकर और एकजुट होकर करना पड़ता है। ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि चीन को भारतीय टेलिकॉम, रेलवे , एविएशन सेक्शन में घुसने से रोकना होगा। हमे कुछ परेशानी जरूर होगी, लेकिन हर हाल में उसे रोकना ही होगा।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सब एक हैं। हम सब प्रधानमंत्री मोदी के साथ मजबूती से खड़े हैं। हम अपनी देश की सेना और उनके परिवार के साथ खड़े हैं। भारत शांति चाहता है, इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। चीन हमेशा से धोखेबाज रहा है। भारत ”मजबूत” है, ”मजबूर” नहीं है। हमारी सरकार ”आंखें निकाल कर हाथ में दे देने” की क्षमता रखती है।
नैशनल कांग्रेस पार्टी प्रमुख और देश के पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि उस दौरान सैनिक निहत्थे था या उनके पास हथियार था, यह मामला अंतर्राष्ट्रीय अग्रीमेंट से जुड़ा है। हमें ऐसे गंभीर मामलों को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। बता दें कि राहुल गांधी ने इस सवाल को उठाया था।
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू चीफ नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्सा है। हम सब एक हैं। इस मुद्दे पर किसी भी राजनीतिक दल को एकता का अभाव नहीं दिखानी चाहिए। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि बाजार में चीन निर्मित सामानों का ढेर लगा हुआ है। उसके सामान की क्वॉलिटी भी अच्छी नहीं होती है प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट का वातावरण पर काफी बुरा असर होता है।
सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि हमें वर्तमान समय में संभल कर कदम रखने होंगे। अमेरिका लगातार कोशिश कर रहा है कि हम उनके पाले में आ जाएं, लेकिन हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। अपनी बात कहते हुए उन्होंने पंचशील समझौते का जिक्र किया।
बीजू जनता दल की तरफ से पिनाकी मिश्रा सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हमारे सीएम नवीन पटनायक जी का यह संदेश कहा कि इस मौके पर कोई भी राजनीतिक दल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति नहीं करे। पूरे देश की एक आवाज होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से करारा जवाब देने की मांग की है। सरकार जो भी फैसला करेगी, हमारी पार्टी उनके साथ है।
एनपीपी के कॉनरैड संगमा ने कहा कि बॉर्डर एरिया पर इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम किसी भी हाल में नहीं बंद होना चाहिए। चीन बांग्लादेश और म्यांमार में भारत के खिलाफ जो कुछ कर रहा है वह चिंताजनक है।
कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार से कहा कि सीमा पर स्थिति के बारे में उसे पारदर्शी होना चाहिए। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की आलोचना भी की है। मोदी ने जोर दिया है कि भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हमारे सैनिकों ने कर्तव्य के प्रति अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाई और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं को निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान किया।