क्या है मामला?
केरल में इदुक्की जिले के सूर्यनेल्ली गांव की रहने वाली एक 16 वर्षिया छात्रा को एक बस कंडक्टर ने ब्लैकमेल करके अपने साथ घूमने जाने पर मजबूर किया. यह 1996 की बात है. फिर 16 से 26 फरवरी तक करीब 40 दिन के दौरान उसके साथ 42 लोगों ने बार-बार बलात्कार किया. आरोपितों ने उसे करीब 4,000 किलोमीटर तक घुमाया. वह विरोध न कर सके, इसके लिए उसे जबरन शराब पिलाई गई और नशे की दवाएं दी गईं. 26 फरवरी को आरोपितों ने उसे घर जाने वाली बस में बिठा दिया.
मामले की सुनवाई में क्या हुआ?
इस मामले में सुनवाई के बाद छह सितंबर, 2000 को विशेष न्यायालय ने 36 लोगों को दंडित किया. हालांकि 2005 में उच्च न्यायालय ने इनमें से 35 लोगों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि मामले में लड़की की सहमति थी क्योंकि उसकी ओर से प्रतिरोध का कोई संकेत नहीं मिला. केवल एक आरोपित एडवोकेट एसएस धर्मराजन की सजा बरकरार रखी गई. हालांकि इस समय वह जमानत पर रिहा होने के बाद फरार है.
राज्य सभा के उपसभापति पीजे कुरियन का मामले से क्या संबंध है और इन दिनों यह मामला क्यों चर्चा में है?
पीड़िता ने कुरियन की तस्वीर पहचान कर कहा कि 19 फरवरी, 1996 को उन्होंने भी एक गेस्ट हाउस में उसका बलात्कार किया था. पुलिस ने जांच में कहा कि कुरियन उस वक्त गेस्ट हाउस में नहीं थे. बाद में चार गवाहों ने उनके वहां होने की पुष्टि की. कांग्रेस नेता कुरियन उच्च न्यायालय में जाकर निचली अदालत की जांच बंद करवाने में कामयाब रहे. 2007 में सर्वोच्च न्यायालय ने भी उन्हें राहत दे दी. बीती 31 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के रिहाई के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि कोई भी लड़की इतने लोगों के साथ संबंध के लिए सहमति कैसे दे सकती है. उसने उच्च न्यायालय से छह माह के भीतर दोबारा फैसला सुनाने को कहा है. इस बीच मामले के एकमात्र दोषी धर्मराजन ने भी कहा है कि कुरियन उसकी कार में गेस्ट हाउस गए थे. उसने यह भी कहा है कि मुख्य जांचकर्ता ने उस पर दबाव डाला था कि वह कुरियन का नाम न ले.
– पूजा सिंह