उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की 78 एकड़ जमीन पर रह रहे 50 परिवारों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी हैं। साथ ही उस जमीन पर आगे के निर्माण और विकास कार्यो पर भी रोक लगा दी हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी।
कोर्ट ने कहा कि, आप सिर्फ 7 दिनों में खाली करने के लिए कैसे कह सकते हैं? हमें कोई प्रौक्टिकल समाधान ढूंढना होगा। समाधान का ये यह तरीका नहीं हैं। जमीन की प्रकृति, अधिकारों की प्रकृति, मालिकाना हक की प्रकृति आदि से उत्पन्न होने वाले कई कोण है, जिसकी जांच होनी चाहिए।“
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की बेंच ने इस केस की सुनवाई की वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से कॉलिन गोंजाल्विस ने बहस की।
ओक की बेंच ने सुनवाई मे कहा कि मामले में मानवीय नजरिए से देखना जरूरी है। जस्टिस कौन ने कहा कि मामले में समाधान की जरूरत है उच्चतम न्यायालय अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को करेगा। हालांकि, सार्वजनिक परिसर अधिनियम के तहत कार्रवाई जा सकती है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
आपको बता दें, हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की जमीन पर करीब 78 एकड़ इलाके में लोग बसे हुए है। और इनमें ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग है। इस इलाके में 5 वार्ड आते है और यहां करीब 25 हजार वोटर रहते हैं।
यहां के लोगों को इस बात की चिंता है कि इस इलाके में कर्इ बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं है साथ ही इलाके में करीब 15 हजार बच्चे रहते हैं, विस्थापन के बाद जिनका स्कूल से नाता खत्म हो जाएगा।